घटना लक्सर-हरिद्वार से है, जहाँ रेल मार्ग पर डबल ट्रैक के ट्रायल के दौरान ट्रेन से कटकर चार व्यक्तियों की मौत हो गई। हादसा जमालपुर रेलवे फाटक से 200 मीटर की दूरी पर हुआ। ट्रायल ट्रेन 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ रही थी, जिससे चारों व्यक्तियों की धज्जियां उड़ गई। हालांकि रेलवे अधिकारियों ने फौरी तौर पर हादसे की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। अलबत्ता डीआरएम ने जांच बैठा दी है।
वहीं, इस घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना पर शोक व्यक्त कर उनके स्वजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने जिलाधिकारी को घटना की जांच और घायलों के उपवार की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
घायल ट्रेन से कटे युवकों की शिनाख्त प्रवीण चौहान, मयूर चौहान, विशाल चौहान, गोलू उर्फ हैप्पी निवासी सीतापुर ज्वालापुर के रूप में हुई। हादसे के बाद एसपी जीआरपी मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में देर रात तक जीआरपी, आरपीएफ व सिविल पुलिस के राजपत्रित अधिकारी ट्रैक किनारे शवों को इकट्ठा करने में जुटे हैं के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है।
लक्सर-हरिद्वार रेल मार्ग पर ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य दो साल से चला आ रहा था। अभी तक इस रूट पर 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेनें गुजरती आ रही हैं। दोहरीकरण के बाद 10 जनवरी से ट्रेनों की स्पीड दोगुनी यानि 100 किलोमीटर प्रतिघंटा होनी है। लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा होने पर ट्रायल के लिए गुरुवार को रेलवे के सीआरएस (कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी) के नेतृत्व में तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम हरिद्वार पहुंची थी। डबल ट्रैक और रफ्तार का ट्रायल करने के लिए दिल्ली से स्पेशल ट्रेन भी बुलाई गई थी।
गुरुवार देर शाम जमालपुर रेलवे फाटक से 200 मीटर आगे लक्सर की ओर रेलवे ट्रैक पर चार लोग ट्रायल ट्रेन की चपेट में आ गए। चूंकि ट्रेन की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा थी, इसलिए पलक झपकते ही चारों व्यक्तियों की धज्जियां उड़ गई। हादसे की सूचना पर रेलवे, आरपीएफ, जीआरपी व पुलिस अधिकारी जमालपुर की तरफ दौड़ पड़े। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, जीआरपी के अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कत्याल व स्थानीय विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने घटनास्थल पर पहुंच हादसे की जानकारी ली।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चारों लोग रेलवे ट्रैक के आस पास खड़े थे। उन्हें दूर से ट्रेन आते हुए दिखाई, लेकिन वह ट्रेन की रफ्तार भांप नहीं पाए। पल भर में चारों लोग चीथड़ों में तब्दील हो गए। देर रात तक शवों की शिनाख्त का काम चल रहा था। रेलवे के डीआरएम तरुण प्रकाश ने बताया कि चूंकि हादसा फाटक नंबर 14 से 200 मीटर आगे हुआ है, इसलिए प्रथम दृष्टया रेलवे की कोई गलती फिलहाल सामने नहीं आई है। आरपीएफ और सिविल पुलिस के साथ मिलकर इस हादसे की जांच करेगी।