Home उत्तराखंड देहरादून में मीना देवी की लिए डॉक्टर बने भगवान, इस तरह से...

देहरादून में मीना देवी की लिए डॉक्टर बने भगवान, इस तरह से बचायी मरीज की जान

आखिर धरती पर डॉक्टर को क्यूँ दूसरा भगवान कहा जाता है इसका एक और उदाहरण राजधानी देहरादून में देखने को मिला है। पूरा मामला दरसल ये है कि मीना देवी की उम्र 45 साल है और वो पिछले कई दिनों से दून अस्पताल में भर्ती हैं। अस्तपाल की तरफ से पिछले कई दिनों से उनके परिजनों को फ़ोन किया जा रहा था लेकिन लेकिन बार-बार संपर्क करने के बाद भी उसका बेटा और परिवार वाले अस्पताल नहीं आ रहे थे।

अब नौबत यह आ गयी थी कि उनकी जान को खतरा बताया जा रहा था जिसके बाद दून अस्पताल के डॉक्टरों ने जान का खतरा देखते हुए खुद के ही रिस्क पर महिला का ब्रेन का ऑपरेशन कर दिया और अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। यहाँ पूरा मामला ये है कि कुछ दिन पहले दून अस्पताल में बेहोशी की हालत में एक युवक एक महिला को भर्ती करवा करने लाया था और जिसके बाद वह खुद वहां से लापता हो गया। युवक उनका मकान मालिक बताया जा रहा है। जब डॉक्टरों ने चिकित्सीय जांच की तो पता चला कि महिला के दिमाग में खून का थक्का जमा है। इसके लिए उसका ऑपरेशन होना जरूरी था। लेकिन, परिजनों के सामने नहीं आने पर ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. टम्टा ने बताया कि महिला के बेटे बताए गए अज्जू और उसे अस्पताल लाने वाले युवक के मोबाइल पर कई बार कॉल की गयी, लेकिन उन्होंने अस्पताल आने से साफ इनकार कर दिया। महिला हृदयरोगी भी है और उसके हृदय में वाल्व पड़ा हुआ है। ऐसे में उनका एमआरआई भी नहीं हो सकता। ऑपरेशन के दौरान महिला की जान को खतरा हो सकता था। गुरुवार को भी जब परिजन अस्पताल नहीं आए तो डॉक्टरों ने महिला की जान को खतरा देखते हुए ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर के के टम्टा ने महिला का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर डीपी तिवारी, डॉक्टर विजय भंडारी और डॉक्टर अतुल का आभार व्यक्त किया।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here