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चमत्कार: उत्तराखंड में चिकित्सकों की टीम ने बच्चे की तर्जनी उंगली को इस तरह बनाया अंगूठा

आखिर क्यूँ डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है ये एक बार फिर उत्तराखंड में साबित हो चूका है। डॉक्टर ही आज के समय में वो सख्श है जो दुनियां में कोई चमत्कार कर सकता है। इस बात से हम सभी भली भांति परिचित हैं कि बहुत से बच्चे जन्म से ही अंगूठा व बाजू की एक हड्डी से विहीन पैदा होते हैं। जिसके चलते उन्हें सामान्य रूप से दैनिक कार्यों जैसे लिखने, भोजन करने, खेलने आदि में दिव्यांगता की स्थिति का सामना करना पड़ता है। अगर रोजमर्रा की जिंदिगी की बात करैं तो सामान्यत: व्यक्तियों के कार्य करने में 70 प्रतिशत तक योगदान उनके अंगूठे का होता है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स ऋषिकेश के हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों की एक टीम ने एक चार वर्षीय बच्चे की तर्जनी उंगली का जटिल ऑपरेशन कर उसे अंगूठा बनाने में सफलता हासिल की है। इस बच्चे के हाथ में महज चार अंगुलियां ही थी। इस सफल ऑपरेशन के बाद अब बच्चा अपने अंगूठे का उपयोग कर हाथ से भी काम कर सकेगा। एम्स के अस्थि रोग विभाग के सहायक आचार्य व हाथ के विशेषज्ञ सर्जन डॉ. विवेक सिंह ने विभागाध्यक्ष प्रो. शोभा एस. अरोड़ा के मार्गदर्शन में हाथ के अंगूठे से संबंधित जटिलतम सर्जरी करने में सफलता प्राप्त की है। टीम ने एनिस्थिसिया विभाग के सहयोग से चार साल के बच्चे की तर्जनी उंगली की जटिल सर्जरी कर उसे अंगूठे में परिवर्तित कर हाथ की विकलांगता को समाप्त कर दिया है।

एम्स के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने सफलतापूर्वक जटिल सर्जरी के लिए चिकित्सकीय दल की सराहना की है। एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि संस्थान मरीजों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रयास है कि मरीजों को एम्स ऋषिकेश में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें व उन्हें उपचार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ऑपरेशन थियेटर की वजह से इस प्रकार की जटिल सर्जरी अब उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित एम्स में संभव हो पाई है।


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