Home उत्तराखंड बंजर खेतों में उगाया गुलाब, 50 लोगों को दे रहे रोजगार, कई...

बंजर खेतों में उगाया गुलाब, 50 लोगों को दे रहे रोजगार, कई लोग इनसे सीखकर स्वरोजगार से जुड़े

वो कहते हैं ना कि अगर आप कुछ करने की ठान लें तो भगवान भी आपकी हर तरह से मदद करता है इसी का जीता जागता उदाहरण हैं धीरज सिंह राणा जो कि वन विभाग से सीनियर फॉरेस्टर के पद पर थे, पर जब भी वो ये खबर सुनते थे कि अमुक व्यक्ति रोजगार के लिए गाँव छोड़कर शहर चला गया है तो उनके मन में एक बड़ी टीस होती थी। उन्हें लगता था कि आखिर क्यूँ सब लोग इस तरह अपना पहाड़ छोड़कर यूँ बाहर जा रहे हैं तो उन्होंने मन ही मन ठान ली कि वो कुछ ऐसा करके दिखाएँगे कि जिससे हमारे पहाड़ के लोग यूँ बाहर जाने को मजबूर न हों। उनके मन में सबसे पहले जो विचार आया वो था अपने बंजर पडी जमीनों पर गुलाब की खेती करने का और अब क्यूंकि वो तब वन विभाग में सक्रिय थे तो उन्होंने साल 2008 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।

धीरज सिंह राणा मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के जाखणीधार प्रखंड के गाँव मिंगवाली दपोली के रहने वाले हैं, और 2008 में  सेवानिवृत्ति होने के बाद उन्होंने एक नयी सोच के साथ गुलाब की खेती करनी शुरू की, अपनी मेहनत और लगन के दम पर उन्होंने अपनी 1 हैक्टेयर जमीन पर गुलाब को महका दिया। इसके बाद उन्होंने अपने घर पर ही गुलाब जल को तैयार करने के लिए प्लांट भी लगा दिया और पिछले 8-10 सालों से वो यहीं पहाड़ों में ही गुलाब जल तैयार कर रहे हैं। इनके इस गुलाब जल की डिमांड देहरादून और ऋषिकेश जैसे शहरों में अत्यधिक रही बल्कि अब तो पिछले कुछ समय से ऑस्ट्रेलिया से भी उनके गुलाब जल की डिमांड आनी शुरू हो गयी है और धीरज सिंह के साथ बाकी 50 लोग इस पूरी कार्य में सक्रिय हैं जिसके कारण इतनी बड़ी संख्या में लोगों को वहां पर रोजगार मिल रहा है।

धीरज सिंह राणा ने खुद तो ये काम शुरू किया ही इसके साथ ही उन्होंने अपने आस-पास के अन्य गांवों को भी इस बात का प्रशिक्षण दिया कि किस तरह से वो अच्छी गुलाब की खेती यहाँ कर सकते हैं और उनकी इसी मेहनत का परिणाम है कि आज पूरे इलाके के बहुत सारे लोग गुलाब की खेती का ब्यवसाय कर रहे हैं। पूरे इलाके के बहुत सारे लोग गुलाब की खेती से अची खासी आमदनी कर रहे हैं जैसे सेमा गांव में सात, हिंडोलाखाल के देवका गांव में पांच, अंजनीसैंण के डांडा में पांच व खोलगढ़ में तीन काश्तकारों ने तीन साल पहले से गुलाब की खेती शुरू कर दी और आज सालन इस काम से 80 हजार तक की आमदनी इन सभी लोगों की हो रही है। आज पूरे इलाके के लिए धीरज सिंह राणा एक मिसाल बने हुए हैं जिन्होंने बहुत सारे लोगों को रोजगार तो दिया ही साथ ही कई लोगों को स्वरोजगार से भी जोड़ दिया है।

 


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here