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देवभूमि के देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला आज से शुरू, जानिये क्यों है इसका इतना महत्व

श्री गुरु राम राय के रंग का खुमार इन दिनों पूरी तरह से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पर चढ़ चुका है, ऐसा हो भी क्यूँ न क्यूंकि आज यानी 13 मार्च से ही देहरादून का प्रसिद्ध और ऐतिहासिक झंडा मेला शुरू जो हो रहा है।  लाखों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक झंडा मेले के आरोहण का गवाह बनने के लिए देश भर से यहाँ एकत्र हो रहे हैं जिसके कारण होटल, गेस्ट हाउस पूरी तरह से पैक हो चुके हैं, इस झंडे मेले के लिए पंजाब, हरियाणा, हिमांचल, दिल्ली  से संगतों का पहुंचना काफी पहले से ही शुरू हो चुका है। शुक्रवार यानी आज सुबह से झंडाजी को उतारने की रस्म शुरू की जायेगी जहाँ भक्त दही, घी और गंगाजल से झंडा साहिब को स्नान करायेंगे उसके बाद सनील के गिलाफ और दर्शनी गिलाफ चढ़ाये जायेंगे। आज श्री झंडेजी के आरोहण के साथ ही एक माह चलने वाले झंडेजी मेले का शुभारंभ हो जाएगा। शुक्रवार को होने वाले श्रीझंडेजी का आरोहण कई मायने में खास है। इस बार श्री झंडेजी के ध्वज दंड को बदला जाएगा। श्री दरबार साहिब के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि परंपरानुसार, हर तीन साल में श्री झंडेजी के ध्वज दंड को बदला जाता है। यह क्षण अद्भुत होता है। इस क्षण के दर्शन करने को संगतों में खासा उत्साह रहता है। नए झंडेजी का ध्वज दंड 105 फीट ऊंचा होगा, जो अभी तक श्री झंडेजी की सबसे अधिक ऊंचाई होगी।

क्यूँ ख़ास है झंडा मेला—

देहरादून का  ऐतिहासिक झंडा मेला सिख धर्म के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्यूंकि  यह झंडा मेला श्री गुरु राम राय के जन्म दिन के रूप में हर साल एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। श्री गुरु राम राय का जन्म होली त्यौहार के पांचवे दिन सन 1646 में हुआ था। अपने जन्म के बाद जब वो 30 साल के थे तो उन्होंने देहरादून के सहारनपुर चौक के नजदीक स्थित इस जगह पर डेरा डाला था और जनकल्याण के लिए यहाँ पर एक विशाल झंडे को स्थापित किया था, जिसका सिख धर्म के अनुयायी आज तक पालन कर रहे हैं और उन्हीं की याद में हर साल होली के पांचवे दिन से ये ऐतिहासिक झंडा मेला शुरू किया जाता है।

सज गया है मेले का बाजार—

इस बार होने वाले इस ऐतिहासिक झंडा मेले के लिए सहारनपुर चौक के नजदीक स्थित इस जगह पर अस्थायी दुकानों का बाजार सज चुका है, इसके साथ साथ ही यहाँ ऊँची- ऊँची चरखी भी लग चुकी हैं जिसमें संगतों से आये हुए लोग भारी संख्या में पहुँच रहे हैं। ये  ऐतिहासिक झंडा मेला देहरादून में लगभग पूरे एक महीने तक चलेगा। दर्शनी गिलाफ के लिए इस बार वर्ष 2121 तक की बुकिंग हो चुकी है। वहीं, श्रद्धालुओं ने वर्ष 2143 तक सनिल गिलाफ बुक कर लिए हैं।

कोरोना के भय से इस बार संगतें पहुंची कम 

कोरोना के भय का असर दरबार साहिब में आने वाली संगतों पर भी पड़ रहा है। प्रबंधक दरबार साहिब की मानें तो पिछले साल के मुकाबले इस बार 25 फीसद श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। पिछले साल इनकी संख्या 10 लाख के आसपास थी। माना जा रहा है कि इस बार दो लाख के आसपास श्रद्धालु ही पहुंचेंगे। गुरुवार देर शाम तक विभिन्न राज्यों से लगभग 50 हजार के श्रद्धालु दून पहुंच चके हैं।