पूरे देश में नये मोटर वाहन एक्ट के बाद अफरा-तफरी का माहौल है और सबसे ज्यादा भीड़ इन दिनों प्रदूषण केन्द्रों पर देखने को मिल रही है। वैसे ये कानून हैं तो आम जनता की भलाई के लिए पर नये कानून से अलग तरह की परेशानियां भी लोगों को झेलनी पड़ रही हैं इसी का एक अजब कारनाम उत्तराखंड की मित्र पुलिस ने भी कर दिखाया है। संसोधित परिवहन एक्ट का पालन कराने में पुलिस इस कदर मशगूल है कि उसे यह भी ध्यान नहीं रहा कि किसका चालान काटना और किसका नहीं।
14 सितम्बर शनिवार को तो तब हद हो गई, जब पुलिस ने देहरादून के सहसपुर के छरबा क्षेत्र में शीतला नदी के किनारे में खेत में खड़ी एक किसान की भैंसा बुग्गी का एमवी एक्ट में एक हजार रुपये का चालान काट दिया। जबकि, एमवी एक्ट में कहीं भी भैंसा बुग्गी का चालन काटने का प्रावधान ही नहीं है। गरीब किसान का यह भी आरोप है कि पुलिस ने इस दौरान भैंसा बुग्गी पर रखा उसका सामान भी कहीं फेंक दिया।
दरसल पूरा मामला ये है कि देहरादून पुलिस ने नदी किनारे लावारिश हालत में खड़ी बुग्गी के संबंध में आसपास के लोगों से पूछताछ की। पता चला कि बुग्गी रियाज पुत्र हुसनद्दीन की है। जिस पर पुलिस बुग्गी को साथ लेकर रियाज के घर पर पहुंची, जहां दारोगा ने बुग्गी का एमवी एक्ट में एक हजार रुपये का चालान काट डाला। उधर, रियाज का कहना है कि वह किसी भी सूरत में जुर्माना नहीं भरेगा। इस कार्रवाई के खिलाफ वह कोर्ट में लड़ाई लड़ेगा। आपको बता दें एमवी एक्ट में सिर्फ पंजीकृत वाहनों के ही चालान काटने का प्रावधान है। भैंसा बुग्गी व घोड़ा बुग्गी इसमें शामिल नहीं है, इसलिए इनका चालान नहीं काटा जा सकता।