पूरी दुनियां के साथ-साथ भारत भी इस समय एक अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है। कोरोना नाम के इस वायरस ने पूरी दुनियां को अपने घुटनों पर ला दिया है, अपने आपको दुनियां का सबसे विकसित देश बताने वाले ही इस समय सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और सबसे ज्यादा जान-माल की हानि भी यहीं हुई है। भारत में भी यह वायरस अपने दूसरे स्टेज को पार कर अब तेजी से तीसरे स्टेज की तरफ बढ़ रहा है। कोरोनावायरस का संक्रमण एक-दूसरे इंसान में न हो इसके लिए जरूरी है कि लोग घरों से बाहर कम निकले। बाहर निकलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए कुछ देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई है। जिसके बाद से भारत के कई राज्यों ने अपने यहाँ लॉकडाउन की घोषणा कर दी है।
क्या होता है लॉकडाउन-
यह एक एमरजेंसी व्यवस्था है। सीधे शब्दों में लॉकडाउन’ का अर्थ है तालाबंदी, जिस तरह किसी संस्थान या फैक्ट्री को बंद किया जाता है और वहां तालाबंदी हो जाती है उसी तरह लॉक डाउन का अर्थ है कि आप अनावश्यक कार्य के लिए सड़कों पर ना निकलें। किसी तरह की परेशानी हो तो लोग संबंधित पुलिस थाने,जिला कलेक्टर,पुलिस अधीक्षक अथवा अन्य उच्च अधिकारी को फोन कर सकते हैं।
लॉक डाउन के दौरान क्या-क्या खुलेगा रहेगा-
दूध, सब्जी, किराना और दवा की दुकानें।
अस्पताल और क्लीनिक
किसी बेहद जरूरी काम के लिए भी बाहर जाने की छूट।
बैंक जा सकते हैं।
मेडिकल व पुलिस सेवा को लॉकडाउन से बाहर रखा गया है।
माल ढोने वाले वाहन।
पेट्रोल पंप खुले रहेंगे।
एटीएम भी खुले रहेंगे।
टेलीकॉम सेवाएं पूरी तरह खुली रहेंगी।
उत्तराखंड का मूल व्यक्ति अगर अपने गांव या शहर आना चाहता है तो उसके पास दस्तावेज होने चाहिए।
ब्लड बैंक, कैमिस्ट, पेट्रोल पंप आदि खुले रहेंगे।
दूध, फल, सब्जी, राशन आदि सब जरुरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी।
ये पूरी तरह बंद रहेंगे–
शॉपिंग मॉल, जिम, क्लब, पार्क, स्विमिंग पूल।
परिवहन व्यवस्था जिसमें टैक्सी, ट्रांसपोर्ट, बस सेवा शामिल हैं पूरी तरह बंद रहेगी।
अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी व निजी संस्थान।
फैक्ट्रियां व बड़े निर्माण प्रोजेक्ट आदि।
उत्तराखंड से बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति बिना वाजिब कारण के प्रदेश में प्रवेश नहीं कर सकता।
एक शहर से दूसरे शहर में आना जाना भी प्रतिबंधित है।