उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के निजी अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीज़ों का इलाज करने की गाइडलाइन जारी कर दी है। गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश के वही निजी अस्पताल कोरोना संक्रमितों का इलाज कर सकते है जो नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड ऑफ हास्पिटल एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन में निजी अस्पतालों का क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट (नैदानिक स्थापना अधिनियम) में पंजीकरण होना भी जरूरी है। अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अलग से वार्ड होना भी जरूरी है। जिसमें प्रवेश और निकासी के द्वार अलग-अलग होंगे।
वही निजी अस्पतालों में 24 घंटे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती और आईसीयू की सुविधा होनी चाहिए। आईसोलेशन वार्ड में प्रत्येक बेड में ऑक्सीजन, बायो मेडिकल वेस्ट के लिए उचित व्यवस्था, कोविड मरीजों के लिए अलग से एंबुलेंस होनी चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने बताया- “एनएबीएच से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों को ही कोरोना मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई है। कोरोना मरीजों के इलाज में मानकों का पूरी तरह से पालन हो। इसके लिए एनएबीएच से मान्यता होने की शर्त रखी है। प्रदेश में ऐसे निजी अस्पतालों की संख्या सीमित है।”