देश में इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है जो हर दिन पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में अब उत्तराखंड में अगले माह से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना की आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं, सरकार इस बार यात्रा को नियंत्रित करने की भी तैयारी कर रही है। धार्मिक स्थल की यात्री क्षमता के हिसाब से ही श्रद्धालुओं को आने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा जल्द मानक संचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी की जाएगी।
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पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र की अनिवार्यता रहेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए चारधाम यात्रा प्रारंभ की जाएगी। हर धाम में एक दिन में कितने तीर्थ यात्री दर्शन कर सकते हैं, इसकी क्षमता भी निर्धारित होगी। पिछले साल भी कोरोना संक्रमण के बीच अच्छे ढंग से यात्रा संचालित की गई थी। इसके साथ ही कोविड नियमों के तहत धामों में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, सैनिटाइजेशन का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
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पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए यात्रा को शुरू किया जाएगा। आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना, शारीरिक दूरी के मानक का अनुपालन कराना और सैनिटाइजेशन कराना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर जगह की अपनी एक यात्री क्षमता होती है। उसी के हिसाब से श्रद्धालुओं को इन स्थानों पर आने और दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। मई महीने से शुरू होने वाली यात्रा के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के होटलों में तीन करोड़ रुपये की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। वहीं, पांच दिन में केदारनाथ हेली सेवा के लिए 8762 टिकटों कीऑनलाइन बुकिंग की गई है।