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जब एक कांस्टेबल ने डीएम मंगेश घिल्डियाल को कहा थाने में बंद कर दूंगा, जानिये फिर क्या हुआ

उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले में एक चर्चित मामला सामने आया है, जो देखते ही देखते पूरे देश में फैलता जा रहा है। पूरा वाकया है बीते तीन दिन पूर्व की जब रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी द्वारा भेष बदलकर सीतापुर से गौरीकुंड तक देर रात्रि से अगले दिन पूर्वान्ह 11 बजे तक यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया था। इस दौरान मध्य रात्रि करीब 12 बजे सोनप्रयाग में ड्यूटी कर रहे पुलिस जवान मोहन सिंह से आम यात्री के तौर पर डीएम ने आगे जाने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने देर रात होने और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इंकार कर दिया।

खबर के मुताबिक जिलाधिकारी ने उसे लालच भी दिया, हर तरह से अपनी बात मनवाने की कोशिश भी की पर मोहन सिंह अड़ा रहा। बात बढ़ती गई तो मोहन सिंह ने डीएम से साफ कहा कि वो उन्हें बंद कर देगा। इस पर डीएम द्वारा उन्हें 200 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक का प्रलोभन दिया गया, लेकिन पुलिस जवान पर कोई असर नहीं हुआ। ये देख डीएम मंगेश घिल्डियाल बेहद संतुष्ट नजर आए। इस उम्रदराज कांस्टेबल की कर्तव्यपरायणता से वो इस कदर प्रभावित हुए कि उसे सम्मानित करने का फैसला ले लिया।

डीएम रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल अपनी अलग कार्यशैली के चलते सुर्खियों में रहते हैं। रविवार रात भी वो कुछ ऐसा ही कर रहे थे, वो आम यात्री के तौर पर यात्रा पड़ावों का जायजा लेते रहे, जो अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही करते दिखे उन्हें घुड़की भी दी। जवान अमर सिंह की ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा की डीएम ने प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह ईमानदार व ड्यूटी के प्रति समर्पित कर्मचारियों के सहारे यात्री चल रही है। उन्होंने कांस्टेबल मोहन सिंह को प्रशासन की तरफ से पांच हजार रुपये पारितोषिक और प्रशस्ति पत्र देने की बात कही। जल्द ही कांस्टेबल को सम्मानित किया जाएगा।


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