उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बीते सोमवार की शाम को मूसलाधार बारिश और अतिवृष्टि ने खूब कहर बरपाया है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिले में कई जगह फसलों को नुकसान हुआ तो कहीं घरों और दुकानों में मलबा घुस गया है। उत्तरकाशी जिले के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। चिन्यालीसौड़ प्रखंड के कुमराड़ा गांव के ऊपरी हिस्से में अतिवृष्टि से बरसाती नाले में उफान आने से गांव में अफरा तफरी मच गई। गाजणा क्षेत्र के कमद गांव में भी अतिवृष्टि से घर-दुकानों में पानी घुस गया। अतिवृष्टि से जिले में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रभावितों ने प्रशासन से क्षति का आकलन कर क्षतिपूर्ति की मांग की है।मोरी के ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष राजपाल रावत ने बताया कि सोमवार को फिताड़ी एवं रेक्चा गांव के सामने खौका नामे तोक में आकाशीय बिजली गिरने से रणवीर सिंह, सिल्ली राम, प्रह्लाद सिंह की करीब 40 भेड़ बकरियां मर गई हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को इसकी सूचना देते हुए शीघ्र मौके पर राजस्व विभाग की टीम भेजकर क्षति का आकलन कर पीड़ितों को क्षतिपूर्ति देने की मांग की है।
टिहरी गढ़वाल: बरात में 80 लोगों के शामिल होने पर दूल्हे के पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज
रुद्रप्रयाग जिले में सोमवार शाम को हुई मूसलाधार बारिश के बीच बच्छणस्यूं पट्टी के ग्राम पंचायत खांकरा में ऊपरी जंगल के ऊपर बादल फट गया, जिससे चित्रमति नदी का ऊफान बढ़ गया। ऐसे में पत्थर व मलबे का सैलाब खांकरा के कई घरों व दुकानों में घुस गया। कई मकानों के आगे पुश्ते भी ध्वस्त हो गए हैं। साथ ही एक ढाबा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। फतेहपुर गांव में भी कई घरों व गौशाला में मलबा घुसा है। वहीं, नरकोटा गांव में भी घरों व खेतों में मलबा घुसने से काफी नुकसान की सूचना है। यहां मलबे के कारण बदरीनाथ हाईवे पर अवरूद्ध हो गया है, जिसे एनएच द्वारा मशीनों की मदद से खोल दिया गया है। उधर, जखोली ब्लॉक के कोटली में भी बादल फटने से खेतीबाड़ी को नुकसान की सूचना है। गांव के पैदल रास्ते भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र ममगाईं, प्रदीप मलासी, चंद्रमोहन, मोहित डिमरी आदि ने प्रशासन से क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों को त्वरित मदद देने की मांग की है