लगता है पिछले साल जिस तरह से भारत ने डोकलाम में चीनी सेना को पीछे हटने पर मजबूर किया था उससे ड्रेगन बौखलाया हुआ है, और वो फिर से इस साल भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश शुरू कर रहा है पर इस बार उसने डोकलाम को नहीं चुना बल्कि घुसपैठ के लिए उसने इस बार चुना है उत्तराखंड को। उत्तराखंड का सुदूरवर्ती जिला चमोली का बहुत बड़ा हिस्सा चीन से लगता हुआ है, और भारत की तरफ से इस पूरे इलाके की निगरानी भारत तिब्बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी के जिम्मे है। आईटीबीपी के सूत्रों से पता चल रहा है कि इस महीने जुलाई में 3 से लेकर 10 तारीख के बीच चीन पांच बार भारतीय सीमा में घुस आया है।
यहाँ बात हो रही है चमोली जिले के बाड़होती इलाके की, पहली घुसपैठ चीन की तरफ से 3 जुलाई को की गयी, उसके बाद 6 जुलाई और 7 जुलाई को चीनी सैनिक भारतीय सीमा में 200 मीटर तक अन्दर आ गये| फिर 8 जुलाई को 32 सैनिक वहां गाड़ियों और घोड़ों में नजर आए और वो भारतीय सीमा में तकरीबन 4 किलोमीटर तक अन्दर आकर वापस चले गये। उसके बाद 10 जुलाई को पांच मोटर साइकिलों में फिर से चीनी सैनिक वहां देखे गये हैं और इस बार उन्होंने वहां मौजूद भेड़ पालकों को इशारे से लौट जाने को कहा। ये कोई पहला मामला नहीं है जब बाड़होती में चीनी सेना की तरफ से घुसपैठ की जा रही है बल्कि इससे पहले भी वो कई बार यहाँ घुसपैठ की कोशिश कर चुका है।
चमोली जिले में स्थित बाड़होती जोशीमठ से लगभग 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और ये लगभग 60 वर्ग किमी के दायरे में फैला हुआ है, यहाँ स्थानीय लोग अपनी भेड़-बकरियां चराने के लिए आते हैं। घुसपैठ की दृष्टि से ये पूरी जगह अति संवेदनशील मानी जाती है,1956 चीनी सेना बड़ाहोती तक घुस आयी थी इसके बाद भारत और चीन की सरकारों के हस्तक्षेप के बाद दोनों सेनाएं पीछे हटी थी और तब से यह क्षेत्र नो मेंस लैंड माना जाता है।