उत्तराखंड के चमोली जिले के पडेर गांव में रातभर हुई बारिश के बीच तड़के तीन बजे देवेश्वरी देवी घर से बाहर निकलीं और गांव के समीप उफनाते नाले को देखकर किसी अनहोनी को लेकर आशंकित हो गईं। वह फिर से कमरे में गईं और उसने अपने पति और बेटी को नींद से जगाया और घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले जाने के लिए कहा। पति और बेटी तो कमरे से बाहर आ गए, लेकिन देवेश्वरी कमरे से बाहर निकलने ही वाली थीं कि देखते ही देखते उनका घर मलबे में तब्दील हो गया और वह मलबे में दबकर उसकी मौत हो गई। रघुवीर सिंह ने यह आपबीती बताई।
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देवेश्वरी के पति रघुवीर सिंह ने बताया कि जिसने जान बचाने के लिए जगाया उसी की घटना में मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शी खिलाफ सिंह ने बताया कि जंगल से आ रहे छोटे से गदेरे ने अचानक विकराल रुप धारण कर लिया था। रात में अंधेरा होने के कारण कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था। रघुवीर और उसकी 13 वर्षीय प्रीता की चीख पुकार सुनाई दे रही थी। ग्रामीण इकट्ठा हुए और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गए। रघुवीर का बेटा प्रेम (15) अपने दूसरे मकान में सो रहा था, जिससे वह सुरक्षित बच निकला।