उत्तराखंड (Uttarakhand) में इन दिनों रामलीला का मंचन किया जा रहा है जिसका अपना एक अलग ही महत्व है. रामलीला शुरू होने से पहले एक महीने पहले ही अभ्यास शुरू हो जाता है ताकि रामलीला देखने आ रहे दर्शको को एक अद्भुत रामलीला दिखाई जाए. वहीं रामलीला को देखने आ रहे दर्शकों के बीच अचानक विधायक आ जाए और दर्शकों का दिल जीत जाए तो क्या ही नजारा होगा. उत्तराखंड की राजनीति के माहिर खिलाड़ी बंशीधर भगत एक मंझे हुए रंगमंच के कलाकार भी हैं. विधायक बंशीधर भगत रामलीला में कई सालों से राजा दशरथ का किरदार निभा रहे हैं.
रामलीला में 48 सालों से निभा रहे हैं, दशरथ के किरदार में बंशीधर भगत को पहचानना आसान नहीं लगता. वह किसी मंझे हुए कलाकार की तरह राजा दशरथ के जीवन के सभी उतार-चढ़ावों को जीवंत कर देते हैं. वह पिछले 50 सालों से अलग-अलग जगह की रामलीलाओं में मंचन करते आ रहे है. अलग-अलग किरदार निभा रहे हैं, वही राजनीति और कलाकार के रूप में लोगों के पास जाना कोई आसान कार्य नहीं जब बंसीधर भगत से पूछा तो उन्होंने कहा कि रंगमंच मेरा बचपन का शौक है. जब मैं 20 साल का था तब से मैंने नाटकों में कार्य किया. 22 वर्ष की आयु में मैने रामलीला में पाठ खेलना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि वह अंगद और परशुराम का भी पाठ खेल चुके है.
दशरथ का रोल निभाते हुए उन्होंने कोप भवन में कैकेई को मनाने का प्रयास किया। कैकेई को मनाते हुए कहा प्रिय तुम काहे हो मलीन..। उनका अभिनय को देखने कालाढूंगी समेत अन्य क्षेत्रों से आए उनके प्रशंसक देर रात तक जमे रहे। आम जनता ही नहीं राजा दशरथ व कैकेई के कोप भवन का मार्मिक अभिनय देखने के लिए नेता, अधिकारी, कर्मचारी भी मौजूद रहे। विधायक भगत के मेकअप मैन व ड्रेसमैन दोनो मुंबई से आए थे।