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उत्तराखंड में युवाओं ने तैयार की देश की पहली भांग से बनी बिल्डिंग, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत आज करेंगे उदघाटन

उत्तराखंड में पौड़ी के यमकेश्वर कंडवाल फलदाकोट मल्ला में गोहेंप एग्रोवेंचर्स द्वारा भांग से बिल्डिंग का निर्माण किया गया है। नम्रता, गौरव और उनकी टीम लंबे समय से इसमें जुटे हुए थे। आज बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे। नम्रता कंडवाल, गौरव दीक्षित और उनकी टीम का दावा है कि भारत में भांग से बनी यह पहली बिल्डिंग है।

युवाओं का कहना है कि भांग का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। यह रोजगार बड़ा माध्यम बन सकता है। इस पर गहन शोध किया जाए तो इसके कई फायदों के बारे में हमें पता चलेगा। 
भांग से तैयार बिल्डिंग के अलावा स्वदेशी तकनीकी से भारत में निर्मित देश की पहली हेंप डेकोर्टिकेटर मशीन भी उत्तराखंड में गोहेंप एग्रोवेंचर्स स्टार्टअप द्वारा लाई गई है। इस1 मशीन की सहायता से औद्योगिक हेंप के रेशे को बिना पानी के ही क्षणभर में लकड़ी से अलग किया जा सकता है। वर्तमान में हेंप इत्यादि के रेशे को अलग करके इसके गट्ठर सिर पर ढोकर गदेरे तक ले जाने पड़ते हैं। और फिर यहां लगभग एक महीने इसे गलाना पड़ता है।
 
तब कई दिनों तक पत्थर पर पीटकर रेशा निकाला जाता है। पारंपरिक तकनीक में श्रम की अधिकता, पानी एवं समय की अत्याधिक खपत के कारण ग्रामीणों ने इसके रेशे का उपयोग अब बंद या कम कर दिया है। ऐसे में हेंप रूपी इस अद्भुत प्राकृतिक संसाधन का समुचित सदुपयोग नहीं हो पा रहा है।
 
नम्रता ने बताया कि आज जिस भांग की लकड़ी को किसान जला रहा है, इस मशीन की सहायता से उनके रेशे निकालकर, कपड़ा, कागज, इथेनॉल, बायो प्लास्टिक, बिल्डिंग मैटेरियल जैसी इंडस्ट्री में रेशे की खपत पूरी की जा सकती है। इससे प्रदेश में एक बिल्कुल नई हेंप फाइबर इंडस्ट्री की स्थापना हो सकती है। 


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