Home उत्तराखंड 20 कुंतल फूलों से सजा बदरीनाथ धाम… शीतकाल के लिए आज बंद...

20 कुंतल फूलों से सजा बदरीनाथ धाम… शीतकाल के लिए आज बंद होंगे कपाट

भगवान बद्रीनाथ के  मंदिर के कपाट आज 20 नवम्बर को शनिवार शाम 6.45 बजे पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। कपाट बंदी की धाम में भव्य और परम्परा के अनुसार तैयारियां की जा रहीं हैं। भगवान के मंदिर से लेकर सिंहद्वार को 20 कुंतल गेंदा, कमल समेत अन्य फूलों से  सजाया जा रहा है। भगवान के दर्शन और कपाट बंद होने के दर्शन के साक्षी बनने के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी बदरीनाथ धाम पहुंचे हुए हैं। शीतकाल में भगवान बदरीनाथ की पूजाएं पांडुकेश्वर और जोशीमठ में संपन्न होगी।

Uttarakhand Assembly Session: भराड़ीसैंण में 7 और 8 दिसबर को होगा शीतकालीन सत्र

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शाम चार बजे से शुरू हो जाएगी। सुबह छह बजे भगवान बदरीनाथ की अभिषेक पूजा होगी। इसके बाद सुबह आठ बजे बाल भोग लगाया जाएगा और दोपहर में साढ़े बारह बजे भोग लगाया जाएगा। शाम चार बजे माता लक्ष्मी को बदरीश पंचायत (बदरीनाथ गर्भगृह) में स्थापित किया जाएगा और गर्भगृह से गरुड़ जी, उद्घव जी और कुबेर जी को बदरीश पंचायत से बाहर लाया जाएगा। सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करने के बाद शाम 6.45 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

UTET EXAM 2021: इस दिन होगी शिक्षक पात्रता परीक्षा, इस लिंक से डाउनलोड करें ADMIT CARD

रविवार को बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के नेतृत्व में आदि गुरु शंकराचार्य की डोली, कुबेर जी और उद्घव जी की उत्सव डोली पांडुकेश्वर के लिए रवाना होगी। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व धाम को गेंदे के फूलों से सजाया गया है। शुक्रवार तक बदरीनाथ में  1 लाख 91 हजार से अधिक श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर चुके हैं। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंदी से पूर्व भगवान के दर्शन के लिये श्रद्धालुओं का बदरीनाथ आने का सिलसिला जारी है।

उत्तराखंड: यहाँ गहरी खाई में समाई बोलेरो, तीन महिलाओं की दर्दनाक मौत…तीन की हालत गंभीर


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here