ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाइवे पर कौड़ियाला से देवप्रयाग तक बड़े व भारी वाहनों की आवाजाही पर 45 दिन के लिए रोक लगा दी है। बद्रीनाथ हाइवे पर तोताघाटी का क्षेत्र सबसे संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। चारधाम योजना के तहत यहां पर टिकाऊ मार्ग बनाने के लिए पहाड़ी का कटान किया जा रहा है, जिसकी वजह से यहाँ पर लगातार ऊपर से बोल्डर गिरने औऱ नीचे से भूस्खलन का भी खतरा बना हुआ है। साथ ही बरसात का मौसम शुरु होने से हर समय यहां पर भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में वाहनों की सुरक्षा को देखते हुए इस मार्ग से वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया है।
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चारधाम प्रोजेक्ट के अंतर्गत हाइवे पर चल रही कटिंग से तोता घाटी में मार्ग बहुत संकरा हो गया है। ऐसी स्थिती में यहाँ से वाहनों का संचालन किसी खतरे से खाली नी है। हाईवे की हालात का जायजा लेने के लिए कीर्तिनगर एसडीएम अजयवीर सिंह ने लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ 4 जुलाई को तोता घाटी का निरीक्षण किया था। एसडीएम कीर्तिनगर अजयवीर सिंह ने बताया कि वर्तमान में सड़क की हालात देखते हुए वाहनों की आवाजाही सुरक्षित नहीं है। इसलिए बड़े वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया गया है। श्रीनगर से आने वाले वाहनों को मलेथा-पीपलडाली-टिहरी-चंबा-नरेंद्रनगर मार्ग पर रूट डाइवर्ट कर दिया गया है। और ऋषिकेश से श्रीनगर जाने वाले वाहनों को ऋषिकेश-नरेंद्रनगर-चम्बा-मलेथा रूट पर डायवर्ट करने का निर्णय लिया गया।
वही दूसरी तरफ़ लोनिवि राष्ट्रीय राजमार्ग खंड श्रीनगर ने भी एसडीएम कीर्तिनगर को पत्र लिखकर मानसून के समय रात में सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की है। सहायक अभियंता लोकनिर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग खंड बीएन द्विवेदी ने बताया कि ठेकेदार ने तोताघाटी में पहाड़ का कटान कर चौड़ीकरण का कार्य 45 दिन में पूर्ण करने की बात कही है। इस वजह से उक्त अवधि में रात को छोटे वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंधित करने की मांग प्रशासन से की गयी है।