बॉर्डर पर चीन-भारत सीमा के पास चमोली जिले के अंतिम के अंतिम गांव नीती के टिम्मरसैंण में छह फीट ऊंचा बर्फ का प्राकृतिक शिवलिंग पूर्ण आकार ले चुका है। इस बार लॉकडाउन के चलते पर्यटक व श्रद्धालु यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद स्थानीय लोग लगातार टिम्मरसैंण पहुंचकर बाबा बर्फानी के दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर रहे हैं। आजतक आप सबने यही सुना होगा की अगर आपको अमरनाथ धाम की यात्रा करनी है तो आपको जम्मू-कश्मीर जाने के लिए तैयार रहना होगा क्यूंकि यहीं भगवान भोलेनाथ बर्फ की शक्ल में लिंग के आकार में आकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं।
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लेकिन अब बाबा बर्फानी के दर्शन आपको उत्तराखंड में भी हो सकते हैं। बर्फ के लिंग के आकार में भोलेनाथ के दर्शन आप चमोली जिले के सुदूरवर्ती गाँव नीति माणा के समीप स्थित टिम्मरसैंण में कर सकते हैं। जोशीमठ-नीती हाईवे पर नीती गांव से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित टिम्मरसैंण में पहाड़ी पर एक गुफा स्थित है और यहां हर वर्ष मार्च माह में पहाड़ी से टपकने वाला पानी बर्फ बनकर शिवलिंग का आकार ले लेता है यहाँ स्थानीय ग्रामीण इसे भगवान शिव के रुप में पूजते हैं। लेकिन इस बार अत्यधिक ठण्ड रहने के कारण यहाँ बाबा बर्फानी की मूर्ति ने आकार लेने में देर की है।
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इस वर्ष पहाड़ में जमकर बर्फबारी हुई है, इसलिए इन दिनों भी गुफा में तीन शिवलिंग मौजूद हैं। इनमें से मुख्य शिवलिंग पूर्ण आकार में है। बर्फ के इस शिवलिंग की खासियत यह है कि कई स्थानों पर इसमें नीली आभा नजर आती हैं। नीती गांव के प्रेम सिंह फोनिया बताते हैं कि सीमांत गांवों के लोग अपने ग्रीष्मकालीन प्रवासों में लौट आए हैं। वही इन दिनों बाबा बर्फानी के दर्शनों को पहुंच रहे हैं।
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