देवभूमि उत्तराखंड में टिड्डी दल के आने की संभावना के मद्देनजर किसानों व कृषि विभाग के कर्मचारियों को सतर्क रहने की सलाह दे दी गयी है। टिड्डियों का यह दल पाकिस्तान से होते हुए राजस्थान के जिला करौनी में दिखा है। जिसके बाद अब पं. गोविद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि की टिड्डी निगरानी समिति ने अलर्ट जारी कर दिया है। समिति के चेयरमैन विवि के कीट विज्ञानी डॉक्टर एसएन तिवारी ने बताया कि राजस्थान, पंजाब व हरियाणा में टिड्डी दलों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश में भी इनको नियंत्रण करने की कोशिश चल रही है। उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे राज्य के देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी व ऊधम सिंह नगर में गन्ना, मक्का व सब्जियों की फसलों पर इन दलों का भारी प्रकोप हो सकता है।
पौड़ी में टिड्डी दल के खतरे को देखते हुए जिले का कृषि विभाग भी सतर्क हो गया है। मुख्य कृषि अधिकारी ने भविष्य में टिड्डी दल के हमलों से बचने के लिए अभी से विकास खंड व न्याय पंचायत प्रभारियों को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए हैं। टिड्डी दल ज्यादातर मक्की, मूंग, उड़द, गन्ना, आम व सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने किसानों से टिड्डी दल के हमले से फसलों को बचाने के लिए एक साथ टिन के डिब्बों, थालियां बजाने, शोर करने, खेत में धुआं करने और खेत में पानी भरने की अपील की है। कलोरपाईरीफोस 20 प्रतिशत ई०सी० या लम्बडा, साईहसोथरीन पांच प्रतिशत ईसी के छिड़काव भी किया जा सकता है।
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मुख्य कृषि अधिकारी के कार्यालय में 01368-221964 व कृषि निदेशालय के टोल फ्री नंबर-18001800011 पर संपर्क करने को कहा गया है। इसके अलावा आपदा राहत दल का गठन किया जाएगा। वहीं प्रदेश में टिड्डियों के हमले से बचाव के को आपदा राहत दल का गठन किया जाएगा। सचिव कृषि एवं उद्यान डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।
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