लॉकडाउन जहाँ सभी लोगों के लिए मुसीबत लाकर आयी है वहीँ कई ऐसे मामले भी सामने आये हैं जहाँ लोग इनदिनों अपने शोक पूरे कर रहे हैं। पर कुछ लोगों के शोक थोड़ा अलग भी होते हैं और इन्हीं शोकों के कारण कई बार उन्हें बड़ी परेशानी भी उठानी पड़ जाती है। ऐसा ही एक किस्सा हरिद्वार से निकलकर सामने आ रहा है जहाँ एक युवा को दारोगा बनने का शोक था लेकिन वह ये शोक तो पूरा नहीं कर पाया लेकिन फर्जी दारोगा बन अपनी इच्छा जरुर पूरी कर रहा था। युवक लॉकडाउन में फर्जी दारोगा बनकर पूरे शहर में घूम रहा था और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को फटकार भी लगा देता था।
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अब शक होने पर ज्वालापुर पुलिस ने अहबाबनगर से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी जयनेंद्र सिंह के पास से नकली पिस्टल, दारोगा की वर्दी के अलावा फर्जी वायरलेस सेट और एक बाइक बरामद हुई है। पुलिस ने सभी को सीज कर दिया है।
घरवालों को बताया था कि वह दरोगा बन गया
जयनेंद्र ने घरवालों को भी झूठ बोला था कि वह उत्तराखंड पुलिस में दारोगा बन गया है। बीटेक की पढ़ाई खत्म करने के बाद जयनेंद्र ने बताया था कि वह पांच माह पहले ही पुलिस में भर्ती हुआ है। इन दिनों लॉकडाउन होने के कारण ड्यूटी बढ़ गई है। परिवार वाले भी उसे दारोगा ही मानते थे। अक्सर जयनेंद्र इसी तरह तैयार होकर घर से निकला करता था।
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पुलिस ने फर्जी दारोगा से कई घंटे तक उगाई को लेकर पूछताछ की। लेकिन आरोपी ने एक भी जगह से उगाई नहीं की थी। पिछले कुछ दिनों पहले एक सिपाही ने ही पुलिस को शिकायत की थी कि एक ऐसे दरोगा घूम रहा है जिनको कभी नहीं देखा है। मूल रूप से मिर्जापुर इलाहाबाद निवासी जयनेंद्र सिंह (25) परिवार के साथ रोशनाबाद सिडकुल में रहता है। बीते कुछ दिनों से जयनेंद्र दारोगा के कपड़े पहनकर अपने घर रोशनाबाद से बाइक पर सवार होकर निकलता था। गुरुवार को जयनेंद्र बैरियर और गश्त पर मिले सिपाहियों को फटकार लगाता हुआ ज्वालापुर पहुंचा। ज्वालापुर अहबाबनगर में संदेह होने पर कुछ पुलिसकर्मियों ने जयनेंद्र को रोक लिया था। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी योगेश सिंह देव इसके बाद मौके पर पहुंचे। दारोगा के कपड़े पहने हुए जयनेंद्र से पूछताछ शुरू हो गई। आईडी कार्ड मांगा तो दरोगा ने अपने आप को पीएचक्यू (पुलिस मुख्यालय) से आया स्पेशल ऑफिसर बताया। जब कुछ सवाल पूछे गए तो जयनेंद्र जवाब नहीं दे पाया। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो युवक ने पूरी कहानी बयां कर दी।