चमोली के नारायणबगड़ ब्लॉक के कंडवाल गांव के लाल सचिन कंडवाल का पार्थिव शरीर कल दोपहर को उनके घर लाया गया और सैन्य सम्मान के साथ सचिन का अंतिम संस्कार किया गया। बता देें कि जैसे ही देहरादून स्थित घर पर सचिन का पार्थिव शरीर पहुंचा तो मां बेसुध हो गयी। मां ताबूत पर ऐसे हाथ फेरने लगी जैसे कि बेटे को उठा रही हो। भाई रिश्तेदार जोर जोर से ताबूत में हाथ मारने लगे। परिवार वालों की चीख पुकार मच गई। सचिन की दादी जोर जोर से रोने लगी। पड़ोसियों ने उनको संभाला। मां बेसुध हो गए और मेरा सोनू मेरा सोनू चिल्लाने लगी। पिता बार बार यही बोलते रहे कि बेटा सोनू उठ जा, उठ जा जल्दी। बहन जो की फार्मासिस्ट है, ताबूत के पास बैठकर लिपटकर रोने लगी। आगे पढ़ें:
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आपको बता दें कि सचिन कंडवाल की हाल ही में सगाई हुई थी। सचिन के घर पर सिर पर सहरा बांधने की तैयारियां चल रही थी। लेकिन किसे पता था कि बेटा ताबूत में लिपटा पहुंचेगा। 25 साल के सचिन की जिंदगी का अंत इतनी कम उम्र में और इतना जल्दी होगा यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। कुछ ही महीनों पहले तो उनकी सगाई तय हुई थी। कुछ ही महीनों बाद वे शादी के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे मगर उससे पहले ही उनकी मौक की खबर घर पहुंची। बता दें कि सचिन कंडवाल के छोटे भाई भी सेना में है। सभी ने सचिन को आंखों में आंसू लिए और जुबां पर जब तक सूरज चांद रहेगा सचिन तेरा नाम रहेगा के नारे के साथ अंतिम विदाई दी।