कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाया लॉकडाउन अब काफी हद तक हट चुका है, लेकिन अभी भी कुछ पाबंदियां देशभर में लागू हैं। जहां एक तरफ सरकार कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों से मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील कर रही है। वहीँ गुजरात में भी रात के 10 बजे से सुबह 5 बजे तक घर से तब तक नहीं निकल सकते, जब तक बहुत जरूरी ना हो। क्योंकि गुजरात में रात के वक्त कर्फ्यू है और उसे सही से लागू करने के लिए पुलिसकर्मी अपनी ओर से प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान केवल जरूरतमंदों को ही घरों से निकलने की इजाजत है। लेकिन, कर्फ्यू के दौरान एक महिला पुलिसकर्मी को अपनी ड्यूटी करना काफी महंगा पड़ गया। साथ ही उसका तबादला तक हो गया। क्योंकि, महिला पुलिसकर्मी ने मंत्री के समर्थकों को रोककर उनसे पूछताछ की थी।
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क्या है पूरा मामला?
मामला सूरत के वराछा थाना क्षेत्र के मिनी बाजार इलाके का है| जहां शुक्रवार रात 10.30 बजे के करीब स्वास्थ्य राज्यमंत्री कुमार कानानी के समर्थक बिना मास्क लगाए सड़क पर घूम रहे थे। कॉन्स्टेबल सुनीता यहीं अपनी ड्यूटी कर रही थीं। पुलिस कर्मी ने समर्थकों को रोक कर कर्फ्यू के दौरान बाहर निकलने और मास्क नहीं लगाने को लेकर सवाल पूछे। फिर क्या था समर्थकों ने मंत्री के बेटे को फोन मिला दिया। जिसके बाद मंत्री का लड़का अपने पिता की गाड़ी लेकर समर्थकों के पास पहुंचा। और खुद को मंत्री का बेटा प्रकाश बताया। लेकिन, महिला पुलिसकर्मी लगातार उनसे पूछताछ करती रही।
Every police officer takes an oath of allegiance to the constitution of India, swearing to enforce the law strictly, without fear or favour. When a policewoman discharges her duty with dignity, it is the duty of her supervisors to stand with her. pic.twitter.com/coXmzn2R0h
— Indian Police Foundation (@IPF_ORG) July 12, 2020
पुलिसकर्मी ने इस घटना की पूरी जानकारी अपने सीनियर अधिकारी को फोन पर दी, लेकिन राज्य मंत्री का नाम आते ही अधिकारी ने उस पुलिसकर्मी को घर जाने का आदेश दिया और उन्हें वापस अपने घर जाना पड़ा।
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बताया जा रहा है कि महिला पुलिसकर्मी ने सिस्टम से तंग आकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं दूसरी तरफ सूरत के पुलिस कमिश्नर राजेंद्र ब्रह्मभट्ट ने इस पूरे मामले की जांच एसीपी सीके पटेल को सौंप दी है।