जम्मू-कश्मीर में हुए देश के अब तक के सबसे बड़े आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए और 40 से भी ज्यादा घायल हुए हैं जिनमें से कुछ जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है। जम्मू- श्रीनगर नेशनल हाईवे पर दिन में सवा तीन बजे हमलावर ने विस्फोटक भरी कार से सीआरपीएफ काफिले की बस को टक्कर मार दी थी और आतंकियों ने इस टक्कर के दौरान रिमोट से गाड़ी में मौजूद बारूद पर जोरदार धमाका किया जो इतना भयंकर था कि बस के परखच्चे उड़ गए। इसके बाद घात लगाए आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग भी की। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्कानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।
इस पूरी घटना के बाद पूरे भारत के साथ-साथ दुनियां का माहौल भी गमगीन बना हुआ है लोग किसी भी हाल में पाकिस्तान से इस बार बदला चाहते हैं। शहीद जवानों में दो जवान देवभूमि उत्तराखंड के भी हैं जिनमें उत्तरकाशी तथा उधम सिंह नगर के दो लाल शहीद हो गए उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ बनकोट गांव के जांबाज जवान मोहनलाल रतूड़ी शहीद हो गए, तो वहीं उधमसिंह नगर के खटीमा के विरेंद्र सिंह भी शहीद हो गए हैं। वीरेंद्र सिंह सीआरपीएफ की 45 बटालियन में तैनात थे। उनके शाहादत की खबर मिलने के बाद से पूरे जिले में मातम छाया हुआ है।
उत्तरकाशी जिले के शहीद मोहनलाल रतूड़ी की पत्नी सरिता देवी अपने दो बच्चों के साथ राजधानी देहरादून में ही रहती हैं। शहीद मोहनलाल रतूड़ी 110 बटालियन मे तैनात थे, सूत्रों के अनुसार शहीद जवान मोहन लाल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बनकोट में लाया जा सकता है। उत्तरकाशी में लोगों ने शहीदों की शहादत पर कैंडल मार्च का भी आयोजन रखा है। उनके शहादत की खबर मिलने के बाद से घर में मातम पसरा हुआ है शहीद की पत्नी का रो-रोरकर बुरा हाल है। जम्मू कश्मीर में सेना पर यह बीते 30 सालों में सबसे बड़ा आतंकी हमला है।