कोरोना वायरस की तीसरी लहर के संभावित खतरों से जूझ रहा भारत दूसरी लहर में ही कोरोना का विकराल रूप देख चुका है। भारत में भले ही सरकारी आंकड़ों के हिसाब से करीब चार लाख से अधिक मौतें हुई हों, मगर अमेरिकी रिपोर्ट में इससे 10 गुना अधिक होने का दावा किया गया है। अमेरिकी शोध समूह की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में कोरोना महामारी से 34 से 47 लाख मौतें हुई हैं। जो कि केंद्र सरकार के आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा है।
वाशिंगटन के अध्ययन संस्थान सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों, अंतरराष्ट्रीय अनुमानों, सेरोलॉजिकल रिपोर्टों और घरों में हुए सर्वे को आधार बनाया गया है। अरविंद सुब्रमण्यन, अभिषेक आनंद और जस्टिन सैंडफर ने दावा किया है कि मृतकों की वास्तविक संख्या कुछ हजार या लाख नहीं दसियों लाख ज्यादा है। आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों पर पहले भी संशय जताया गया है। अमेरिकी अध्ययन में कहा गया है कि भारत में जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच कोविड-19 से लगभग 50 लाख (4.9 मिलियन) लोगों की मृत्यु हुई है, जिससे यह विभाजन और स्वतंत्रता के बाद से देश की सबसे बड़ी मानव त्रासदी बन गई है।
सेंटर ने अपने अध्ययन के तहत कोरोना के दौर में हुई मौतों और उससे पहले के सालों में गई जानों के आंकड़े का विश्लेषण किया है। इसके आधार पर ही सेंटर ने 2020 से 2021 के दौरान मौतों का आंकड़ा निकाला है और उसे कोरोना से जोड़ते हुए सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाया है। यहां तक कि अध्ययन में उल्लिखित एक मध्यम अनुमान के अनुसार, सात राज्यों से राज्य-स्तरीय नागरिक पंजीकरण के आधार पर, 34 लाख अतिरिक्त मौतों को सूचित करता है। दूसरी गणना में, भारतीय सीरो सर्वे के आंकड़ों को आधार पर आयु-विशिष्ट संक्रमण मृत्यु दर (आईएफआर) के अंतर्राष्ट्रीय अनुमानों को लागू करने से लगभग 40 लाख मौत का आंकड़ा सामने आता है।