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मौत के 17 साल बाद हुयी शादी, जानिये इस अनोखी शादी के बारे में !

शादी विवाह हमारे समाज का मुख्य अंग है और इसे जरूरी काम के तौर पर निभाया जाता है। भारत में हर साल करोडों शादियॉ होती है जिसमें अरबों रूपये खर्च होते है। कुछ शादीयॉ बेहद मंहगी होती है तो कुछ शादियॉ अपने रीति रिवाजों के कारण चर्चाओं में रहती है। भारत में अलग अलग समाज में अलग अलग रीति रिवाजों के अुनसार शादियॉ होती है। लेकिन आज हम जिस शादी की बात करने जा रहे है वह अपने आप में अनुठी है। यह शादी अनुठी इसलिये है कि इस शादी में दुल्हा दुल्हन दोनों ही मौजुद नहीं थे। आईये जानते है कैसे है यह अजीबागरीब शादी।उत्तरप्रदेश के मेरठ जिले के खरखोदा की एक बस्ती में एक ऐसी शादी हुयी जैसी शादी के बारे में आपने इससे पहले कभी नहीं सुना होगा। यहां पर 4 ऐसे बच्चों की शादी की गयी जो जिनकी 17 साल पहले मृत्यु हो गयी थी। इस शादी में दो मृत बच्चियों की शादी दो मृत बच्चों से की गयी। इस शादी में मृतक बच्चों की फोटो रखी गयी और उनका पूरा श्रंगार किया गया। पूरे रीति रिवाज से बारात निकाली गयी नाच गाने के साथ दावत का भी इंतजाम किया गया। इन सभी बच्चों की मृत्यु 17 साल पहले हो गयी थी उस समय इन बच्चों की उम्र पॉच छ साल थी।
ल्धन गांव की नट बस्ती में बुधवार को यह अजीबोगरीब शादी हुयी। यहां पर राजबीर नाम के व्यक्ति की पॉच साल की बेटी रूपा का निधन 5 साल पहले हो गया था। राजबीर के पडोसी मुनेश की बेटी की मृत्यु भी इस दौरान ही हुयी थी। दूसरी और भावनपूर के आलमपूर गांव निवासी गोविंदा और अक्षय के पूत्र की मृत्यु भी छ साल की उम्र में ही हो गयी थी। बुधवार को आलमपुर गांव से बाराती दोनों मृत लडकों की तस्वीरों को सजाकर मंढैया पहॅुचें। उधर बच्चियों की तस्वीरों को भी दुल्हन की तरह सजाया गया था। जहां पर बच्चियों के परिवारों में शादी की रस्में पूरे रीति रिवाजों के साथ निभायीं गयी।इस शादी में भी अन्य शादियों की तरह डीजे और ढोल का इंतजाम किया गया था और साथ ही खाने का भी इंतजाम किया गया था। पूरी बस्ती के लोगों और रिश्तेदारों को भी इस शादी में आमंत्रित किया गया था। दोनों परिवारों के मुखिया ने बताया कि उनकी जाति में यह रीवाज बरसों से चला आ रहा है। मृत बच्चों के बालिग होने पर उनका विवाह कराया जाता है। बारात में शामिल होने वाले बुजुर्गो ने बताया कि बचपन में ही भगवान को प्यारे होने वाले वे बच्चे हमेशा हमारे साथ रहते है और बडे होने पर उन्हें भी अपनी शादी का इंतजार करते है जैसे जिंदा लोग करते है। इसके लिये लडकियों की तलाश भी दुल्हन की तरह ही की जाती है।


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