Home देश फौजी टोपी पहन मां ने शहीद बेटे को दी अंतिम विदाई, रो...

फौजी टोपी पहन मां ने शहीद बेटे को दी अंतिम विदाई, रो पड़े सेना के अफसर

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शहादत पाने वाले अपने 34 वर्षीय बेटे लांस नायक सपन चौधरी को उनकी बुजुर्ग मां ने ऐसी अंतिम विदाई दी कि पूरी दुनिया याद करेगी। शुक्रवार सुबह 7.55 बजे जैसे ही पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंचीं तो मां स्वर्णा देवी खुद सड़क पर पहुंच गईं। करीब 11 बजे वे फौजी टोपी पहनकर शहीद बेटे की अर्थी के आगे-आगे एक किलोमीटर पैदल श्मशानघाट तक गईं और बेटे को सैल्यूट मारकर अंतिम विदाई दी। मां के जज्बे को देख साथ आए सैन्य अधिकारी और जवान भी आंसू नहीं रोक पाए। मां ने औरों के साथ भारत माता की जय के नारे भी लगाए। बड़े भाई बृजभूषण ने मुखाग्नि दी। सपन के पिता और बड़े भाई भी सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। बीते दिन पुंछ में हिमखंड गिरने से सपन ने शहादत पाई थी। एक अन्य घायल पंजाब के जवान ने भी दम तोड़ दिया है। शुक्रवार दोपहर को शहीद सपन का पैतृक गांव सिहाल में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

सेना के जवानों ने शहीद को सलामी दी। अंतिक यात्रा में मां स्वर्णा देवी के अलावा सैकड़ों लोग पहुंचे। हर किसी की आंखों में आंसू थे। सपन की मां बार-बार बेटे को पुकार कर उसे गले लगने का विलाप करती रही। इस मौके पर एसडीएम बलवान चंद, डीएसपी जवाली ज्ञान चंद सहित अन्य लोग मौजूद रहे। सिहाल पंचायत के शमशान घाट पर पंचतत्व में विलीन होने वाले सपन दूसरे शहीद सैनिक हैं। इससे पूर्व 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए अशोक कुमार का अंतिम संस्कार भी यहीं हुआ था। इस मौके पर अशोक की शहादत की यादें भी लोगों के जहन में ताजा हो गईं।शहीद सपन चौधरी 20 फरवरी को 35वें साल में प्रवेश कर रहे थे, जबकि मार्च में चचेरी बहन की शादी है। सपन अकसर इन्हीं दिनों घर आने की योजना बना रहे थे। लेकिन न तो वे बर्थडे मना पाए और न ही बहन की शादी देख पाए। वे अपने पीछे दो बेटे और पत्नी और भाई का भरापूरा परिवार छोड़ गए। सपन और उनके बड़े भाई बृजभूषण माता-पिता के साथ संयुक्त परिवार में रहते थे।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here