‘औरत ने जनम दिया मर्दों को, मर्दों ने उसे बाजार दिया’..
आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है और आज ही के दिन मशहूर शायर साहिर लुधियानवी का जन्म 1921 में लुधियाना में हुआ था. सन 1958 में साहिर ने ‘साधना’ फिल्म में ‘औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाजार दिया’ गाना लिखा था, जिसे लता मंगेशकर जी ने गाया था. इस गाने में महिलाओं के साथ होने वाले व्यवहार को उन्होंने इस गाने में बखूबी बयान किया है.
वैसे तो पहली बार महिला दिवस का आयोजन 28 फरवरी, 1909 को न्यूयॉर्क में हुआ था. लेकिन 1910 में महिला दिवस के लिए 8 मार्च की तारीख तय की गई. यूनाइटेड नेंशंस ने 1975 में इसे मान्यता दी.
महिला दिवस के दिन ही साहिर का जन्मदिन भी आता है. लिखी गयी उनकी कुछ पंक्तियां जो सच हैं और जिसकी दुनिया दीवानी हो गयी:
‘औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाजार दिया
जब जी चाहा मसला कुचला जब जी चाहा धुत्कार दिया
तुलती है कहीं दीनारों में बिकती है कहीं बाज़ारों में
नंगी नचवाई जाती है अय्याशों के दरबारों में’
इस बार यानी International Women’s Day 2018 का थीम “टाइम इज नॉउः रूरल एंड अर्बन एक्टिविस्ट्स ट्रांसफॉर्मिंग विमेंस लाइव्ज” है. गूगल ने भी इस दिन को खास तरीके सेलिब्रेट बनाने के लिए खास डूडल बनाया है.