इन दिनों केरल अपने अस्तित्व की सबसे बड़ी लड़ाई से लड़ रहा है जिसका कारण है सदी की सबसे बड़ी तबाही इससे पहले केरल में ऐसे हालात सन 1924 में बने थे तक भी जलप्रलय में यहाँ सैकड़ों लोग दफ़न हो गये थे। इस बार जल प्रलय अबतक 357 जिंदगियां तबाह हो चुकी हैं, और लगभग सात लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। 40,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं, 1000 से ज्यादा घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं और लगभग 25000 घरों को नुकसान पहुंचा हुआ है। केरल के 3.53 लाख पीड़ित लोग 3026 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। मोटा मोटा आंकलन ये है कि अब तक केरल में आयी इस भयानक बाढ़ में 21000 करोड़ का स्वाहा हो चुके हैं।
केरल में चल रही इस भयानक तबाही को संभालने में भारतीय आर्मी, पुलिस, अन्य संगठन पूरी मुश्तेदी से काम कर रहे हैं जो अबतक हजारों लोगों का बड़ी सफलता से रेस्क्यू कर चुके हैं जिसके कारण जानमाल का एक बड़ा नुकसान होने से बच गया है। और इसी आपदा में उत्तराखंड का एक दल भी इन दिनों केरल में जिंदगियां बचाने में लगा हुआ है और ये दल है ऋषिकेश का 25 सदस्यीय राफ्टर्स का जो बीती शनिवार यानी 18 अगस्त को केरल पहुंचा था और वहां पहुँचने के अगले ही दिन यानी कल रविवार 19 अगस्त से इन सभी लोगों ने यहाँ बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
इस अभियान में शामिल राफ्टेर्स दल के सदस्यों ने कोच्चि शहर के नजदीक अपना रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और पूरे दिन चलाये गये इस अभियान में राफ्टर्स को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्यूंकि यहाँ पर ज्यादा पानी होने के कारण रास्ते का सही अंदाजा नहीं लगाया जा रहा है जिसके कारण राफ्ट डंडे और तारों में फंसकर पंचर भी हो रही हैं। पर इन सब विकट परेशानियों के बावजूद देवभूमि के इस राफ्टर्स दल ने रविवार को लगभग पूरे 300 लोगों का सफल रेस्क्यू किया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया और अब आज भी सुबह से ही पूरा दल यहाँ रेस्क्यू अभियान में जुटा हुआ है।