देवभूमि उत्तराखंड में पर्वतारोहण के क्षेत्र में विश्व में अब तक के सबसे बड़े अभियान डेयर डेविल्स में नंदा देवी में मृत सात विदेशी पर्वतारोहियों के शवों में से चार शवों को रेस्क्यू दल ने साढ़े ग्यारह घंटे तक रेस्क्यू चला कर 18900 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा दिया है। ये ऑपरेशन कितना कठिन था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक शव को तीन किमी दूर तक ले जाने में तीन घंटे का समय लगा। तीन शवों को मंगलवार को इस ऊंचाई तक पहुंचाने के साथ ही शवो को बेस कैंप प्रथम तक लाने का प्रयास किया जाएगा।
आपको बता दें नंदा देवी में पर्वतारोहण के दौरान पर्वतारोहियों के शव पिंडारी की ओर गिर गए थे। इन शवों को मर्तोली की ओर लाया जा रहा है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 18 हिमवीरों ने पर्वतारोही और बल के सेकेंड कमान अधिकारी आरएस सोनाल के नेतृत्व में सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर ऑपरेशन शुरू किया। जवान बर्फ और खतरनाक दर्रो से शवों को लेकर तीन किलोमीटर चलकर 18900 फीट की ऊंचाई पर स्थित चोटी तक पहुंचे।
नंदा देवी में बरामद शवों का औसत वजन 70 से 80 किग्रा हो चुका है। लगातार बर्फ में रखने से शवों का वजन बढ़ता जा रहा है। इस ऊंचाई पर पूरे सम्मान के साथ शवों को लाया जा रहा है। आईटीबीपी के डीआईजी एपीएस निंबाडिया डेयर डेविल अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। कठिन दर्रों और बर्फ में जवानों ने अभी तक इस काम को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उन्होंने बताया कि पर्वतारोहियों के शवों को निकालने में जो तकनीक अपनाई जा रही है वह विश्व का अपनी तरह का पहला अभियान है।