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उन्नाव रेप केस में पुलिस से सवाल पूछने वाली लड़की के घरवाले अब उसे स्कूल भेजने से डर रहे हैं

उत्तर प्रदेश पुलिस स्कूलों में बालिका सुरक्षा जागरुकता अभियान चला रही है. इसमें बताया गया कि अगर आपके साथ कुछ भी गलत होता है, तो तुरंत टोल फ्री नम्बर पर उसकी जानकारी पुलिस को दें. बाराबंकी में भी एक प्रोग्राम करवाया गया. इसमें एक लड़की ने सवाल कर दिया कि आवाज़ उठाने पर उन्नाव वाली लड़की के साथ जो हुआ वो सबने देखा. ऐसे में लड़कियां कैसे हिम्मत करें?

अब इस लड़की के पेरेंट्स को उसकी सेफ्टी का डर सताने लगा है. उसके घरवालों ने उसे स्कूल भेजने से मना कर दिया है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पेरेंट्स का कहना है कि वह भोली और जवान है, जो कुछ वो अखबारों में पढ़ती है और टीवी पर देखती है, उसने वही कहा है.

उनका कहना है कि उन्हें इस तरह के किसी भी आयोजन के बारे में मालूम नहीं था. और पेरेंट्स को कभी भी इस तरह के आयोजन के बारे में बताया भी नहीं जाता है. और अगर ऐसा बच्चों की प्राइवेसी को ध्यान में रखकर किया जाता है तो इसकी रिस्पेक्ट करनी चाहिए.

उन्होंने अपनी बेटी को न तो एक अगस्त को स्कूल भेजा और न ही दो अगस्त यानी आज. वो पहले प्रिंसिपल से मिलेंगे और बात करेंगे. क्योंकि उनकी एक ही बेटी है और वो नहीं चाहते हैं कि अपने मन की बात कहने की वजह से वो किसी मुसीबत में फंस जाए.
हालांकि, पुलिस ने कहा कि वो एक स्टूडेंट है और उसने जो पूछा है, वो एक काल्पनिक सवाल है, पर उन्होंने कहा कि पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार है.

उस लड़की ने पूछा था-

‘सर, जैसा आपने कहा कि हमें डरना नहीं चाहिए, आवाज़ उठानी चाहिए, प्रोटेस्ट करना चाहिए, तो उसमें मेरा एक ये सवाल था अभी थोड़े दिन पहले लखनऊ में एक 18 साल की लड़की के साथ बीजेपी नेता ने रेप किया. उसके फादर की, वो तो दिखा रहे थे कि एक्सीडेंटली डेथ हुई, लेकिन सबको पता है कि वो एक्सीडेंट नहीं था. और उसके बाद वो लड़की, उसकी मां और उसकी लॉयर जब जा रहे थे कार से तो ट्रक ने उड़ा दिया उस कार को. और उस ट्रक के पीछे जो नंबर प्लेट थी वो पूरी ब्लैक पेंट थी.

उस पर नंबर तक नहीं लिखा था. अगर हमें प्रोटेस्ट करना है, अगर कोई आम इंसान है तो हम उसके खिलाफ प्रोटेस्ट कर सकते हैं, लेकिन अगर कोई नेता है, कोई बड़ा इंसान है तो उसके खिलाफ हम कैसे प्रोटेस्ट करें’, अगर हम प्रोटेस्ट करेंगे तो क्या हमें इंसाफ मिलेगा? क्या गैरंटी है कि मैं सेफ रहूंगी? क्या गैरंटी है कि मेरे साथ कुछ नहीं होगा?’

एएसपी गौतम लड़खड़ाती जबान में गोलमोल सा जवाब दे गए. उन्होंने कहा-

‘बालिकाओं की सुरक्षा बढ़ेगी, वो जागरूक होंगी, अपनी आवाज़ को उठाएंगी’.

खैर. इस लड़की ने हिम्मत दिखाई. सवाल पूछने की. पुलिस ये कहने की कि जब एक लड़की के आवाज उठाने पर ये सब हो गया तो दूसरों के साथ ऐसा नहीं होगा इसका क्या भरोसा. लेकिन अब उसके पेरेंट्स डरे हुए हैं उसकी सेफ्टी को लेकर.

इस खबर को पढ़कर क्रोध नहीं आता. दुख होता है. कि हमने कैसा समाज बनाया है कि रेप जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ बोलने पर भी आपको अपनी जान का डर होने लगे.


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