जहाँ एक और पूरा देश 14 फरवरी को प्यार का त्यौहार मना रहा था वहीँ शाम होते होते ये खुशी पूरे भारत के लिए मातम में बदल गयी क्यूंकि भारत में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला इस दौरान अंजाम दिया गया है| जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोरा के पास गोरीपोरा में हुए हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए और लगभग दो दर्जन जवान जख्मी हैं। इनमें से कई जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है। हमले को पाकिस्तान से संचालित जैश ए मुहम्मद के आत्मघाती दस्ते अफजल गुरु स्क्वाड के स्थानीय आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास ने अंजाम दिया। उसने 320 किलो विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो को सीआरपीएफ के काफिले में शामिल जवानों से भरी एक बस को टक्कर मारकर उड़ा दिया।
देवभूमि उत्तराखंड के उधमसिंह नगर के खटीमा में गाँव मोहम्मदपुर के रहने वाले वीरेन्द्र सिंह भी इन 44 जवानों में से शामिल एक जवान थे। अभी कुछ दिन पहले ही वो अपनी बटालियन से छुट्टी लेकर अपने घर आये थे और इस दौरान वो पूरे 20 दिन गाँव में रहे और अभी बस 2 दिन पहले ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर में वापस अपनी बटालियन में शामिल हुए थे। वीरेन्द्र सिंह के परिवार में उनके पिता दीवान सिंह उनकी पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चे शामिल हैं जिनमे बेटी राही 5 साल की और बेटा रेहान ढाई साल का ही है।
इस पूरे आतंकी हमले के बाद इस पर शहीद वीरेन्द्र सिंह के बहनोई रामकिशन ने बताया कि गुरुवार यानी 14 फ़रवरी की सुबह ही वीरेन्द्र सिंह की अपनी पत्नी रेनू से फ़ोन पर बात हुई थी। इस दौरान वीरेन्द्र सिंह ने कहा था कि वो अपनी बटालियन के साथ जम्मू से श्रीनगर के लिए रवाना हो रहे हैं। आपको बता दें कि घर पर अभी भारतीय सेना से कोई अधिकारिक खबर नहीं आयी है पर समाचार चैनलों और सोशल मीडिया के जरिये मिल रही खबरों से ये पुख्ता हो रहा है कि 45 बटालियन में वीरेन्द्र सिंह नाम से यही जवान है। इस खबर के मिलने के बाद से घर में मातम छाया हुआ है, घर वालों के साथ-साथ पूरे गाँव के लोगों के भी आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।