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भारत भी बना पायेगा इजरायल की तरह बॉर्डर पर ऐसी दीवार? हमलों में 90 फ़ीसदी कमी होती है

इजरायल एक ऐसा देश है जो चारों ओर से अपने दुश्मन देशों से घिरा हुआ है पर इन सब के बावजूद इजरायल ने अपनी सुरक्षा इतनी मजबूत करी हुई है कि ये देश उसका बाल भी बांका नहीं कर सकते हैं और इस सबके पीछे अगर किसी चीज का सबसे बड़ा हाथ है तो वो है इजरायल द्वारा अपने बॉर्डर पर बनायी गयी हाईटेक दीवार जिससे भेद पाना लगभग असंभव है। कुछ समय पूर्व गाजा-इजरायल बॉर्डर पर फलस्तीनियों के प्रदर्शन के कारण झड़पें हुई थीं जिसमें 16 लोगों की मौत हो गयी थी पर ये सारे लोग फिलीपींस के ही थे और इसके पीछे इस सुरक्षा दीवार का बड़ा महत्व है। ये दीवार ऐसी टेक्नोलॉजी से बनायी गयी है कि पूरी दुनियां में इसकी चर्चा होती रहती है और ये टेक्नोलॉजी केवल अमेरिका और इजरायल के पास ही मौजूद है।

इजरायल का छेत्रफल 20 हजार वर्ग किमी है जिसमें से उसके बॉर्डर के लम्बाई 1068 किमी है और ये बॉर्डर पांच दुश्मन देशों मिस्र, जॉर्डन, सीरिया, लेबनान और फलस्तीन से लगा हुआ है तो इजरायल ने इन पाँचों देशों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए साल 1994 में इस बॉर्डर का काम शुरू किया था इस दीवार को बनाने में 20 लाख डॉलर का खर्चा आया था इस दीवार में मिस्र, सीरिया बॉर्डर पर 16 फीट ऊंची फेंसिंग है, जबकि लेबनान बॉर्डर पर रेजर फेंसिंग है। इस दीवार को जमीन से 8 फुट नीचे से बनाया गया है, इस दीवार पर सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक कैमरों व सेंसर्स की मदद ली जाती है और इजरायल ने ऐसी तकनीकि भी विकसित की हुई है जिससे दीवार के आर पार देखा जा सके और दुश्मनों पर नजर रखी जा सके, दीवार की निगरानी के लिए कई ड्रोन भी लगाए गए हैं और साथ ही दीवार पर एंटी बैलिस्टिक मिसाइल भी तैनात की गयी हैं जिससे की तुरंत कार्यवाही करी जा सके।

भारत को भी इस इस तकनीकि को बहुत जल्द इजात करना पड़ेगा या मित्र देश इजरायल से इसे खरीदना चाहिए क्यूंकि अगर भारत भी ये दीवार बॉर्डर पर बना लेता है तो आतंकवादी हमलों में 90 फ़ीसदी कमी आना लगभग तय है इससे भारतीय फौज का भी काफी समय बचेगा और वो इस समय को किसी दूसरे काम में उपयोग करके सुरक्षा को और मजबूत बना सकती है।