हिन्द महासागर में इस बार ऑपरेशन मिलन जल्द ही शुरू होने वाला है, भारतीय नौसेना का ये संयुक्त युद्धाभ्यास 1 मार्च 2018 से शुरू होगा। ऑपरेशन मिलन भारत के साथ बाकी 22 और देश जो हिन्द महासागर से लगे हुए हैं वो भी शामिल होंगे और इसमें भारत के सबसे बड़ा शत्रु देश पाकिस्तान को एक बार फिर अलग थलग कर उसको शामिल नहीं किया गया है। पांच दिन तक चलने वाले 23 देशों के इस संयुक्त युद्धाभ्यास में करीब 70 जंगी जहाजों की हिस्सेदारी होगी, जिसमे से 30 से ज्यादा जंगी जहाज अन्य देशों के होंगे और बाकी के जंगी जहाज भारतीय नौसेना के होंगे।
नौसेना की पश्चिमी कमान के पूर्व चीफ वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा ने कहा कि इस वॉरगेम का मकसद समुद्र में किसी प्रकार की गैर कानूनी गतिविधि पर रोक लगाना है। और इस युद्धाभ्यास में नौसैनिक नेचुरल डिजास्टर के समय राहत और बचाव कार्यों का अभ्यास, एंटी पायरेसी ऑपरेशंस, विभिन्न देशों के चेतावनी संकेतों, सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशंसप्राकृतिक आपदाओं के किट और बाकी काफी सारी चीजों को परखा जाएगा। वैसे अगर भारत का इस युद्धाभ्यास का सबसे बड़ा मकसद होगा हिन्द महासागर से लगे देशों को एकजुट रखना, क्यूंकि पिछले काफी समय से चीन हिन्द महासागर पर अपनी नजरें गडाये हुए है और उसने हिन्द महासागर से लगे छोटे देशों को अपने पाले में लाने का प्रयास काफी पहले से शुरू किया हुआ है।
इस युद्धाभ्यास में भाग लेने वाले देश-
भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, यूएई, फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, तंजानिया, कंबोडिया, म्यांमार, ओमान, थाईलैंड, सिंगापुर, सेशेल्स, बांग्लादेश, मॉरीशस, वियतनाम, ब्रुनेई, मोजांबिक, केन्या, यमन।