जैसा कि ये सभी को पहले से विदित है कि माघ महीने की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है, और आज यानी 22 जनवरी को बसंत पंचमी पूरे देश और उत्तराखंड में धूम धाम से मनायी जा रही है, बसंत पंचमी या पंचमी विद्या की देवी सरस्वती का दिन होता है, और आज पड़ने लिखने वाले छात्र विशेष तौर पर माँ सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद भी ग्रहण करते हैं, और आज का दिन किसी भी कार्य को करने के लिए बहुत ही शुभ भी माना जाता है इसलिए इस दिन गृह प्रवेश, विवाह, वाहन खरीदना, नया व्यापार प्रारंभ करने सहित सारे शुभ कार्य किये जाते हैं।
इसके अलावा भी बसंत पंचमी का उत्तराखंड और पूरे देश के लिए एक और विशेष महत्व है और वो है हर साल बसंत पंचमी को होने वाली घोषणा जिससे भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तिथि का ऐलान किया जाता है। भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने और बंद होने की तिथि का निर्धारण एक उत्सव और धार्मिक अनुष्ठान के रूप में होता है, जिसका की आज ही ऐलान होता है। नरेन्द्रनगर स्थित टिहरी राजमहल में महारानी और टिहरी नरेश की उपस्थिति में राजपुरोहित नौटियाल पंचांग देखकर कपाट खोलने की तिथि निर्धारित करते हैं। और इस बार 30 अप्रैल सुबह 4.30 बजे भगवान बद्रीनाथ के द्वार आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जायेंगे इस बात की घोषणा टिहरी नरेश महाराजा मनुजेन्द्र शाह ने की जिसके बाद लगभग पूरे 6 महीनों तक यहाँ भक्तों का तांता देश और विदेश से लगा रहता है, और इस बार वेसे भी उम्मीद है कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी।