एक जमाना होता था जब देहरादून का नाम सुनते ही आँखों में एक सुन्दर शहर की छवि बन जाती थी मन में ऐसा प्रतीत होता था कि दून ऐसा शहर है जहाँ चारों ओर हरे पेड़ पोधे, ताज़ी हवा, सुन्दर पहाड़ियां, और शान्त वातावरण है। इसीलिए देहरादून हमेशा से ही देशी विदेशी लोगों के लिए एक सुकून देने वाली जगह माना जाता था और इसीलिए पूरी दुनिया के लोग यहाँ आते भी थे और देहरादून की एक सुन्दर छबि अपने मन में लिए चले जाते थे। पर अगर वर्तमान स्थिति की बात करैं तो तस्वीर बहुत ही बदतर या कहैं डरावनी हो गयी है तो उचित होगा। आज राजधानी बनने के बाद देहरादून की आबादी लगभग 5 गुना बन गयी है और राजधानी बने हुए जुमा जुमा 17 ही साल हो रहे हैं। और अगर वाहनों की बात करैं तो दून का शायद ही कोई ऐसा घर होगा जिस घर में 2 दुपहिया और एक कार ना हो, और अब तो दून में जाम में फसना एक आम बात हो गयी है। और अब इन सबसे क्या नुकसान हुआ है चलिए हम आपको बताते हैं।
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट में हमारे 273 शामिल किये गए थे। इन सभी शहरों में केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को प्रदुषण के आधार पे इनकी रैंकिंग जारी करनी थी। और इस लिस्ट में 273 शहरों में से दून ने जबरदस्त छलांग मारते हुए 6 स्थान प्राप्त किया है। दून में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर)-10 की मात्रा मानक से चार गुना 241 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाई गई है। और जबकि होना ये चाहिए था कि यह 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक न हो। और अब धीरे धीरे ये प्रदुषण जानलेवा बनता जा रहा है| अगर प्रशासन और जावाबदेही संस्था यूँ ही खामोश बेठे रहे तो आने वाले वक्त में देहरादून को नंबर 1 बनाने से कोई नहीं रोक सकता है। वेसे अगर अभी तक की सरकारों का देखा जाए तो सभी का इस मुद्दे पर रवैय्या उदासीन ही रहा है। चलिए देखें त्रिवेंद्र सरकार इस मुद्दे पर कुछ ठोस रणनीति बनाती है या वो भी इस मुद्दे पर उदासीन ही रहेगी।
यहाँ टॉप 10 शहरों की सूची देखिये—
शहर प्रदुषण का स्तर (पीएम-10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर)
- झारिया———-280
2. दिल्ली———–278
3. भिवाड़ी———-264
4. वाराणसी——–256
5. बरेली————253
6. देहरादून———241
7. गाजियाबाद—–235
8. फिरोजाबाद—–223
9. सहरनपुर——-218
10. कानपुर———-217