उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में श्री श्री बालाजी सेवा समिति की ओर से 31 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह किया गया जहां एक साथ 31 बारात सड़क पर निकली तो देखने वाले अपने घरों से निकलने लगे, और देखते ही देखते यहाँ भारी भीड़ इकट्ठी हो गयी। बरात द्वार पर पहुंची तो पुष्प वर्षा के साथ बरातियों का भव्य स्वागत किया गया। उसके बाद वरमाला की रस्म हुई और फिर फेरे हुए। शाम करीब छह बजे कन्याओं की विदाई हुई। इस दौरान सभी की आंखें नम थी, एक के बाद एक कतारबद्ध तरीके से मंच पर बैठे जोड़ों को देखना वाकई अद्भुत था।
शादी के दौरान चारों और आतिशबाजी थी। दूल्हों के परिजन, रिश्तेदार और दोस्त बैंड बाजे पर नाच रहे थे। बारात पलटन बाजार, धामावाला, झंडा बाजार, सहरानपुर चौक से पटेलनगर होते हुए पथरी बाग स्थित ब्लैसिंग फ़ार्म में पहुंची। विवाह समारोह में सात कन्याएं ऐसी थी जिनमें किसी के सिर से मां का साया तो किसी के सिर से पिता का साया पहले ही उठ चुका था। दुल्हन बनी कन्याएं माता-पिता को याद कर भावुक हो उठीं। गरीब कन्याओं के विवाह के लिए किसी ने आर्थिक सहयोग दिया तो किसी ने व्यवस्थाएं बनाने में मदद की। वहीं शहर की कई ब्यूटीशियंस ने दुल्हनों का फ्री मेकअप कर समारोह में सहयोग किया।
समिति के सेवादार दूल्हों और बारातियों की आवभगत में लगे हुए थे। इस अवसर पर आयोजकों ने लोगों को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और कन्याओं को ससुराल में बड़ों का सम्मान करने का संदेश दिया। समिति के सदस्यों ने जोड़ों के फेरे तो कराए ही साथ ही इनकी कोर्ट मैरिज भी कराई। समिति सदस्य शिव नंदन सक्सेना और अरविंद कुमार तायल ने कोर्ट मैरिज की पहले से सभी औपचारिकताएं पूरी की थी। विवाह स्थल पर उन्होंने सभी जोड़ो के हस्ताक्षर करवाए।