अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने विरोधों को नजरअंदाज करते हुए बुधवार देर रात येरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित कर दिया। ट्रम्प ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस फैसले का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हम अपनी एम्बेसी तेल अवीव से येरूशलम में सिफ्ट कर रहे हैं। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस एलान को ऐतिहासिक बताया है। वहीं फलस्तीन का कहना है कि मध्य एशिया में शांति की प्रक्रिया खत्म हो गई है।
फैंसले की वजह से अरब देशों में तनाव
इस फैसले से पहले ही अरब देशों में इसके विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए। तुर्की, सीरिया, मिस्र, सऊदी अरब, जार्डन, ईरान समेत 10 गल्फ देशों ने इस पर अमेरिका को वॉर्निंग दी है।
चीन, रूस, जर्मनी आदि देशों ने कहा कि इससे बढ़ेगा तनाव।
भारत का रुख
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “फिलीस्तीन को लेकर भारत की स्वतंत्र स्थिति है। इसका फैसला हमारे हितों और विचारों से ही तय होगा। कोई तीसरा देश ये तय नहीं कर सकता।”