भारत सरकार हर साल बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित करती है। इसके तहत हर साल केंद्र सरकार हर राज्य से बहादुर बच्चों के नाम मांगती है इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार से भी नाम मांगे गए थे। लेकिन प्रदेश से 30 सितंबर तक एक भी नाम भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली को नहीं भेजा गया। लेकिन अब देर आये दुरुस्त आये वाली कहावत के साथ उत्तराखंड सरकार ने दो नाम केंद्र सरकार को भेज दिए हैं।
एक बच्ची का नाम पौड़ी गढ़वाल व एक बच्चे का नाम देहरादून जनपद से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजा गया है। जिसमें पहला प्रकरण पौड़ी गढ़वाल जनपद की राखी एवं दूसरा देहरादून जनपद के डोईवाला विकासखंड के आयुष कोठारी का है। अपनी जान की परवाह किए बिना पौड़ी जिले की ग्राम देव कुंडई निवासी राखी ने गुलदार के हमले से अपने छोटे भाई की जान बचाई। राखी के इस साहस के लिए उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद ने उसका नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजा है।
ये पूरा वाकया है 4 अक्तूबर 2019 का जब राखी अपने खेत पर गई थी। जहां से दोपहर करीब ढाई बजे भाई राघव को कंधे में बैठा कर वह घर लौट रही थी। रास्ते में अचानक गुलदार ने राघव पर हमला कर दिया, यह देख राखी अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए गुलदार से भिड़ गई। गुलदार ने राखी पर अपने पंजों और दांतो से कई घाव किए, लेकिन लहूलुहान राखी ने गंभीर हालत के बावजूद हिम्मत दिखाई और अपने भाई को नहीं छोड़ा। इस बीच राखी की मां पीछे से आ गई। उसके शोर मचाने पर गुलदार जंगल की ओर भाग गया।