उत्तराखंड में चारधाम यात्रा हर साल अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ती नजर आ रही है। इस बार भी ऐसा ही देखने को मिला था जब पहली बार केदारनाथ में यात्रियों की संख्या 10 लाख को पार कर गई थी और वहीँ बद्रीनाथ में भी यहाँ संख्या 12 लाख के पार पहुँच गयी थी। इसके साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री में भी रिकॉर्ड यात्री पहुंचे थे। इन सभी यात्रियों को चारधाम यात्रा कराने में जो सबसे बड़ी भूमिका रहती है वो रहती है वाहनों की। वाहनों के द्वारा ही लगभग सभी यात्री चारधाम यात्रा कर पाते है।
प्रदेश में चारधाम यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए परिवहन विभाग ग्रीन कार्ड जारी करता है। हर साल 15 से 20 हजार ग्रीन कार्ड जारी किए जाते हैं। ग्रीन कार्ड का अर्थ यह होता है कि संबंधित वाहन के सारे दस्तावेज पूर्ण हैं, वाहन की फिटनेस भी चेक कर ली गई है और येह पर्वतीय मार्गों पर चलने को पूरी तरह फिट है। इसका मकसद वाहन दुर्घटना के साथ ही अवैध संचालन पर रोक लगाना है। यात्रा के दौरान विभिन्न आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में ये कार्ड बनाए जाते हैं।
पर अब तक समस्या यह रही है कि यात्रा सीजन में ग्रीन कार्ड बनाने के लिए वाहनों की लंबी कतारें हर जगह नजर आती हैं। इसके अलावा ग्रीन कार्ड बनाने को लेकर वाहन स्वामियों के बीच कई बार तीखी झड़पें भी होती हैं। राज्य के बाहर से आने वाले वाहनों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने वर्ष 2020 की चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन ग्रीन कार्ड जारी करने का निर्णय लिया है। जिसके बाद जो भी व्यावसायिक वाहन जिसमें चालक को मिलाकर 10 सवारियां ही जा सकती हैं उनका ग्रीन कार्ड ऑनलाइन हासिल किया जा सकता है। 10 सीट से अधिक यात्री क्षमता वाले वाहनों की प्रक्रिया भी ऑनलाइन रहेगी लेकिन इनका निरीक्षण अनिवार्य रखा गया है।