बीजेपी सांसद और उत्तराखंड के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट उत्तराखंड से जुड़ी अलग-अलग रेल परिजनों के बार में केंद्रीय रेल मंत्री से जानकारी मांगी थी। उन्होंने लोकसभा में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग पर सवाल पूछते हुए कहा, “देश के प्रधानमंत्री जी और रेलमंत्री जी को मैं बधाई देता हूं कि जहां घास पकड़कर चारधाम जाते थे, वहां अब रेल दौड़ेगी। मैं मानीय रेलमंत्री जी से ये जानता चाहता हूं कि जो पूर्व में धनराशि दी गई थी वो धनराशि लगभग समाप्त हो गई है। ऐसे में आने वाले दिनों पूरी तरह से रेल कर्णप्रयाग तक जल्दी से जल्दी पहुंच सके इसके लिए आगामी धनराशि कब तक इस परियोजना के लिए दी जाएगी।”
रेल मंत्री की ओर से भट्ट को इस प्रश्न का लिखित जवाब भी दिया गया। इसमें यह भी बताया गया कि परियोजना में अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण, भूमि अधिग्रहण, वन विभाग से स्वीकृति, भू-तकनीकी जांच और समूची परियोजना के लिए पहुंच मार्ग संबंधी कार्य पूरे हो गए हैं। वीरभद्र-ऋषिकेश के बीच पहले ब्लाक खंड में निर्माण चल रहा है। ऋषिकेश में एक आरयूबी और एक आरओबी का काम पूरा हो गया है। चंद्रभागा नदी में ऊपरी रेल पुल का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा लछमौली मे रेल पुल, श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर पुल के अलावा अलकनंदा नदी पर श्रीनगर, गौंछार व कालेश्वर में तीन सड़क पुलों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग नई रेल लाइन परियोजना के तहत छह सुरंगों के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। इन सुरंगों में आने जाने के छह मार्गों को भी बनाया जा रहा है। गोयल ने बताया कि वर्ष 2010-11 के बजट में स्वीकृत परियोजना की नई लागत 16216 करोड़ रुपये है। इसमें से मार्च 2019 तक 1361 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। परियोजना के तहत सर्वेक्षण, भूमि अधिग्रहण, वन विभाग की स्वीकृति, भू तकनीकी जांच व समूची परियोजना के लिए पहुंच मार्गों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। परियोजना के तहत बनाई जाने वाली 16 सुरंगों के निर्माण कार्य को 10 पैकेजों में बांटा गया है। इनमें छह सुरंगों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। डिजाइन एवं परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता (पीएमसी) ठेके दे दिए गए हैं। सभी पैकेजों में डिजाइन कार्य शुरू हो चुके हैं।