उत्तराखंड शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री से नियुक्तियों के मामले में गठित की गयी एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। अकेले रुद्रप्रयाग के 11 शिक्षकों की बीएड डिग्री फर्जी पाई गई है। जांच में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिलने पर इन शिक्षकों के खिलाफ प्रशासन सख्त होता नजर आ रहा है जिसके बाद सभी पर एफआईआर की संस्तुति की गई है। जांच से साफ़ पता चलता है कि इन शिक्षकों ने उत्तरप्रदेश में सक्रिय गैंग से सांठगांठ कर यह फर्जीवाड़ा किया है।
एसआइटी प्रभारी आइपीएस मणिकांत मिश्र ने बताया कि 23 शिक्षकों के बीएड के दस्तावेज चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को सत्यापन के लिए भेजे गए थे। इनमें से 11 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए। उन्होंने बताया कि आरोपितों पर कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र भेज दिया दिया गया है। आपको बता दें एसआईटी की जांच प्रभावित करने में भी कसर बाकी नहीं छोड़ी गई थी। श्वेता चौबे ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के सामने पहुंचकर शिक्षा विभाग के असहयोग की शिकायत की तो विभागीय अधिकारी हरकत में आए, तब जाकर शिक्षकों के प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए गए। तब से शिक्षकों की अमान्य डिग्री मिलने का सिलसिला जारी है।
शिक्षक का नाम विद्यालय
कु. माया रा.प्रा.वि. जयकंडी
वीरेन्द्र सिंह जू.हा.स्कूल जखन्याल
महेन्द्र सिंह रा.प्रा.वि.लुखन्द्री
संगीता रा.प्रा.वि.कैलाशनगर
मोहनलाल रा.प्रा.वि.सारी
कांति प्रसाद भट्ट रा.प्रा.वि.जैली
जगदीश लाल रा.प्रा.वि.जौला
राकेश सिंह रा.प्रा.वि.धारतोंदला
विजय सिंह रा.प्रा.वि. भुनाल
भवानी लाल रा.प्रा.वि.सौराखाल
कौशल नरेश राणा रा.प्रा.वि. अरखुंड