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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: अयोध्या में बनेगा राम मंदिर, मुस्लिम पक्ष को अलग से 5 एकड़ जमीन

कोर्ट ने फैसले में कहा कि आस्था के आधार पर जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता। साथ ही कोर्ट ने साफ कहा कि फैसला कानून के आधार पर ही दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादित जमीन रामजन्म भूमि न्यास को दी है। मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अयोध्या में ही दूसरी जगह पर दी जायेगी। यानी कोर्ट ने मुस्लिमों को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने विवाद में मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले जस्टिस कलिफुल्ला, श्रीराम पांचू और श्रीश्री रविशंकर की प्रशंसा की। अदालत ने कहा कि 02.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी। साथ ही निर्मोही अखाड़े को मंदिर के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में जगह दी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट आज अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसला सुनाने वाला है जो कि अपने आप में ही ऐतिहासिक होगा। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ सुबह 10:30 बजे इस मामले में फैसला सुनाने जा रही है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 40 दिन तक चली मैराथन सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अयोध्या मामले में आज आ रहे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर उत्तराखंड में भी पुलिस प्रशासन ने ख़ास इन्तेजाम किये हैं जिसमें देहरादून और हरिद्वार जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। देहरादून में जिला प्रशासन ने शनिवार को स्कूल-कालेजों को बंद कर दिया है। पुलिस की टीमें रेलवे स्टेशन, बस अडडे समेत भीड-भाड़ वाले स्थानों में चेकिंग में जुटे हुए हैं। नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। राज्य के डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि सभी जनपदों को अलर्ट कर दिया गया है। खासकर मिश्रित आबादी वाले जनपदों जैसे यूएस नगर, हरिद्वार, नैनीताल और देहरादून में विशेष सतर्कता को कहा गया है।

निषेधाज्ञा के साथ ही देहरादून में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा। वहीं, एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने देर रात तक जिले के सभी पुलिस अधिकारियों और थाना कोतवाली प्रभारियों की बैठक लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर गहन मंथन किया। पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह सामाजिक सौहार्द को खराब करने और किसी समुदाय विशेष या व्यक्ति को भड़काने की कोशिश करें तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाएं।


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