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देहरादून में 485 करोड़ के लेनदेन को लेकर की गई थी हत्या, इस तरह से पुलिस ने खोला राज

देहरादून में एक चर्चित मामला इन दिनों चारों और सुर्ख़ियों का केंद्र बना हुआ है। पूरा वाकया ये है कि केरल के बिटक्वाइन व्यापारी अब्दुल शकूर की निर्मम हत्या की गयी थी और अब देहरादून पुलिस ने इस घटना का कुछ ही घंटों के अंदर खुलासा कर दिखाया है। इस हत्याकांड में पुलिस ने मृतक अब्दुल शकूर के साथ कारोबार करने वाले पांच हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि इस मामले में चार लोग पुलिस के पकड़ से अभी भी फरार चल रहे हैं। ये सभी लोग केरल के रहने वाले हैं और हत्या के आरोपी सभी युवक 20 से 25 उम्र के बताए जा रहे हैं।

इस हत्या का मकसद मृतक से बिटक्वाइन का पासवर्ड हासिल करना था, जिसके चलते करोड़ो रुपए हासिल करने की मंशा जताई जा रही है। दरसल मृतक अब्दुल शकूर ने बिटकॉइन इन्वेस्टमेंट के नाम पर लगभग 485 करोड़ रुपए हड़पने का आरोप है। केरल के कई क्षेत्रों के लोगों से लिए बिटक्वाइन में निवेश कराया गया था। इस काम के लिये अब्दुल शकूर ने पहले एक कोर ग्रुप बनाया, जिसमें रिहाब, आसिफ, अरशद और मुनीफ थे। इस कोर ग्रुप ने भी अलग-अलग टीमें बनाई थीं, जिसमें आशिक ने भी अपने करीबी साथियों आफताब, आसिफ, फरासी, सोहेल और अरविंद के साथ एक टीम बनाई जिन्होंने केरल के कई लोगों से बिटकॉइन में इन्वेस्टमेंट करा कर करोड़ों की धनराशि गबन करने की साजिश रची गयी।

जब शकूर को बिटक्वाइन में घाटा हो गया तो अब्दुल शकूर अपनी कंपनी के चार साथियों आशिक, अरशद, मुनीफ और सिहाब के साथ चार महीने पहले केरल से फरार हो गया था। शकूर के कोर ग्रुप के साथियों ने ही बिटक्वाइन एकाउंट पासवर्ड जानने के लिए उसे बंधक बनाकर कई दिन तक यातनाएं दीं। यातनाओं की इंतहा हुई तो शकूर की मौत हो गई और इसी के साथ यह रकम भी डूब गई है। 28 अगस्त को अब्दुल शकूर का शव उसके साथी मैक्स अस्पताल देहरादून में छोड़कर फरार हो गए थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए एसपी सिटी श्वेता चौबे की अगुवाई में कई टीमें गठित की गई थीं।


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