Home देश हिमाँचल में भाजपा की बम्पर जीत तो गुजरात फिर से मोदीमय

हिमाँचल में भाजपा की बम्पर जीत तो गुजरात फिर से मोदीमय

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आज 18 दिसम्बर को आये चुनाव नतीजों ने जहां बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ी राहत दी होगी तो वहीं कांग्रेस और उसके नव निर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने कई सवाल खड़े हो गये हैं। गुजरात में जिस तरह कांग्रेस और हार्दिक पटेल की जुगलबंदी की चुनौती के बावजूद भाजपा अपनी सरकार बचाने में अगर सफल रही तो उसकी सिर्फ एक ही वजह है नरेंद्र मोदी का करिश्माई नेत्रित्व और उनके द्वारा गुजराती अस्मिता का कार्ड।  मोदी के गुजराती अस्मिता के जवाब में राहुल गांधी ने गुजराती असंतोष को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा था।

गुजरात में जन सभाओं में राहुल गाँधी को लोगों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया भी मिली जिससे लग रहा था इस बार गुजरात में टक्कर बराबरी की है।  पर चुनावी रुझानों में गुजरात और हिमाँचल दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार बनती दिख रही थी| और अब चुनाव नतीजे आने के बाद एक बार फिर जो एग्जिट पोल में जो अनुमान था वही होता दिख रहा है।  गुजरात चुनाव में भले ही इस बार की सीटें 2012 की सीटों से कम हो पर कम से कम गुजरात विजय ने 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी की राह थोडा आसन जरुर कर दी है।  और वंहीं दूसरी और हिमाँचल प्रदेश के चुनाव नतीजों ने कांग्रेस को बुरी तरह से और पीछे धकेल दिया है और बीजेपी को राज्य में जबरदस्त कामयाबी मिली है, अगले पांच साल यंहां अप प्रेम कुमार धूमल फ्री हैण्ड काम कर सकते हैं|

गुजरात विधानसभा और हिमांचल विधानसभा का असर अगले साले होने वाले चुनाव के नतीजों पर पड़ना तय है।  अगले साल कई अहम राज्यों में चुनाव होने है।  इनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक और ओडिशा जैसे बड़े राज्य शामिल हैं| गुजरात की हार से कांग्रेस ही नहीं बल्कि बीजेपी विरोधी बाकी दलों में हताशा पैदा होना तय है।  इस हार से विपक्षी दलों की एकजुटता में बिखराव बढ़ने की संभावना भी बड गयी है अब देखना दिलचस्प होगा की पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इन सब से केसे निपटते हैं।


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