बुलेट सिर्फ एक दमदार बाइक ही नहीं है, इसकी बकायदा पूजा भी होती है। जी हां, राजस्थान के पाली में एक ऐसा मंदिर है, जहां देवी-देवताओं की नहीं, बल्कि बुलेट बाइक की पूजा होती है और इसे बुलेट बाबा का मन्दिर कहा जाता है।स्थानीय लोग मानते हैं कि बुलेट बाबा सड़क दुर्घटनाओं से उनकी रक्षा करते हैं। यहां से गुजरने वाले सभी वाहन चालक इस मन्दिर में माथा टेककर आगे बढ़ते हैं।
मन्दिर का इतिहास
यहां के चोटिला गांव में रहने वाले ओम बन्ना उर्फ ओम सिंह राठौड़ अपनी बुलेट पर ससुराल से वापस आ रहे थे, तभी पेड़ से टकरा कर एक दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। इस दुर्घटना के बाद उनकी बुलेट को रोहिट थाने ले जाया गया, लेकिन अगले दिन पुलिस कर्मियों को बुलेट थाने में नही मिली।दरअसल, बुलेट बिना सवारी चल कर उसी स्थान पर चली गई। अगले दिन इस बुलेट को फिर रोहिट थाने ले जाया गया, लेकिन यह वाकया दूसरी बार भी हुआ। यहां तक कि बुलेट को थाने में चेन से बांध दिया गया, इसके बावजूद वह इसी स्थान पर मिली।
यह अब तक रहस्य है कि बुलेट आखिरकार इस स्थान पर पहुंची कैसे। अंततः ग्रामीण और पुलिस के अधिकारियों ने इसे चमत्कार मानते हुए बुलेट को दुर्घटनास्थल पर रख दिया।
आश्चर्य की बात यह है कि उस दिन के बाद से लेकर अब तक यहां कोई दुर्घटना नहीं हुई है, जबकि यह स्थान राजस्थान के सबसे अधिक दुर्घटना वाले क्षेत्रों में से एक था।स्थानीय लोग मानते हैं कि ओम बन्ना की पवित्र आत्मा आज भी लोगों को अपनी मौजूदगी का अहसास कराती है। बुलेट बाबा की चर्चा इतनी है कि इस थाना क्षेत्र में नए ज्वाइन करने वाले प्रभारी भी यहां माथा टेककर ही ज्वाइन करते हैं।
यह स्थान पाली-जोधपुर राष्ट्रीय राज मार्ग पर स्थित है। यहां ओम बन्ना की बुलेट मौजूद है, जिसे एक चबुतरे पर मंदिर बना कर रखा गया है। यहाँ दिन-रात जोत जलती रहती है और ग्रामीण नारियल ,फूल, दारू आदि चढ़ावा चढ़ाते है।